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All India Construction Workers Federation (AICWF)

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पटना में निर्माण मजदूरों का मुख्यमंत्री के समक्ष राज्यस्तरीय प्रदर्शन

ऐक्टू से संबद्ध बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के आह्वान पर 28 नवंबर 2019 को राज्य भर के हजारों निर्माण मजदूरों ने केंद्र सरकार से जुड़ी राष्ट्रीय मांगों, तथा सामाजिक सुरक्षा सहित लाभ की सभी योजनाओं को स्थानीय स्तर पर लागू करने में श्रम अधिकारियों के मनमाने रवैए पर रोक लगाने व जानबूझकर पैदा की गई जटिलताओं को दूर करने जैसी मांगों पर पटना में मुख्यमंत्री के समक्ष रोषपूर्ण  राज्य-स्तरीय प्रदर्शन किया.

एआईसीडब्लूएफ के आह्वान पर 20 नवम्बर को आयोजित निर्माण मजदूरों का देशव्यापी विरोध् दिवस

ऑल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन (एआईसीडब्लूएफ, संबद्ध ऐक्टू) के आह्वान पर मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन, बढ़ती बेरोजगारी, आसमानछूती महंगाई तथा आरएसएस-भाजपा की सांप्रदायिक कार्रवाइयों के खिलाफ और निर्माण मजदूरों की मांगों को बुलंद करते हए 20 नवम्बर को निर्माण मजदूरों के अखिल भारतीय विरोध दिवस के तहत कई राज्यों में श्रम कार्यालयों/जिला अधिकारी कार्यालयों के समक्ष निर्माण मजदूरों ने प्रदर्शन एवं धरनों का आयोजन किया. इन प्रदर्शनों के माध्यम से राष्ट्रीय व राज्य विशेष मांगों के ज्ञापन सौंपे गए.

निर्माण मजदूरों ने रांची में श्रम भवन का घेराव किया 

श्रम कानूनों में मालिक-परस्त संशोधनों के खिलाफ और दिल्ली में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय श्रमिक कन्वेंशन के समर्थन में 30 सितम्बर 2019 को ऐक्टू से सम्बद्ध झारखण्ड निर्माण मजदूर यूनियन ने रांची स्थित श्रम भवन, डोरंडा पर जोरदार प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में निर्माण मजदूरों ने अपने हाथों में तख्तियां और झंडे लेकर डोरंडा राजेंद्र चैक से मजदूर अधिकार रैली निकाली जो श्रम भवन पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी. रैली व सभा को यूनियन के महासचिव भुनेश्वर केवट और अध्यक्ष भुनेश्वर बेदिया ने संबोधित किया.

एआईसीडब्लूएफ द्वारा निर्माण मजदूरों के बीच देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान 

प्रधानमंत्री के नाम खुला पत्रा

(ऑल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन (एआईसीडब्लूएफ-संबद्ध ऐक्टू) ने सरकार द्वारा लेबर कोड के माध्यम से निर्माण मजदूरों के 1996 के दोनों कानूनों के खात्मे के विरोध में अगस्त माह में निर्माण मजदूरों के बीच देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाने का फैसला लिया है. प्रस्तुत है प्रधानमंत्री और श्रम मंत्री के नाम खुला पत्र जिस पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा और सरकार को भेजा जायेगा.)

माननीय प्रधानमंत्री/श्रम मंत्री,

भारत सरकार, नई दिल्ली