भागलपुर में असंगठित मजदूरों का प्रदर्शन

भागलपुर में असंगठित मजदूरों का प्रदर्शन

ऐक्टू से सम्बद्ध असंगठित कामगार महासंघ की शाखा मोटिया-ठेला मजदूर यूनियन के बैनर तले एकजुट हुए मजदूरों ने मजदूर व ट्रेड यूनियन अधिकारों पर जारी सरकारी हमलों के खिलाफ और सामाजिक सुरक्षा व सम्मान, मजदूरी बढ़ाने, स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी करने, जीएसटी वापस लेने आदि सवालों पर 22 नवम्बर 2017 को भागलपुर, (बिहार) में जिला पदाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन किया. सैकड़ों मोटिया-ठेला मजदूरों ने भागलपुर स्टेशन परिसर में इकट्ठा होकर झंडा-बैनर व मांग पट्टिकाओं से सुसज्जित जुलूस निकाला, जो मुख्य बाजार, खलीफाबाग, घंटाघर, कचहरी के रास्ते करीब डेढ़ किलोमीटर का फासला तय कर कलेक्ट्रेट पहुंचा.

जुलूस-प्रदर्शन का नेतृत्व ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह असंगठित कामगार महासंघ के राज्य अध्यक्ष एस. के. शर्मा, ऐक्टू के राज्य सचिव सह मोटिया-ठेला मजदूर यूनियन के अध्यक्ष मुकेश मुक्त व ऐक्टू के राज्य परिषद् सदस्य सुरेश प्रसाद साह ने किया.

असंगठित कामगार महासंघ के राज्य अध्यक्ष एस.के. शर्मा ने केंद्र-राज्य सरकारों की मजदूर व ट्रेड यूनियन विरोधी नीतियों की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि मोटिया-ठेला मजदूर असंगठित मजदूरों के लिए बनाए गए सामाजिक सुरक्षा अधिनियम में शामिल है किन्तु सरकारी घोषणा के बावजूद अभी तक इनका निबंधन शुरु नहीं हुआ. आधे-अधूरे तरीके से बनाई गई नियमावली में राज्य की नीतीश सरकार ने मजदूरों के पेंशन पाने के अधिकार को गायब कर रखा है, बाकी योजनाएं भी कागजों पर ही लागू है. मजदूर विरोधी केंद्र-राज्य की सरकारें 18000/- रुपये न्यूनतम मासिक मजदूरी की मांग को दरकिनार कर दे रही है. मजदूरों की गाढ़ी कमाई से मुठ्ठी भर अमीरों-कॉरपोरेटों की तिजोरियां भरी जा रही है.

प्रदर्शनकारियों को मोटिया-ठेला मजदूर यूनियन के अध्यक्ष मुकेश मुक्त ने भी संबोधित किया. प्रदर्शन से मोटिया-ठेला मजदूर यूनियन के अध्यक्ष मुकेश मुक्त व सचिव सिकन्दर यादव के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिसमें सुरेश प्रसाद साह, विजय साह व पंकज यादव शामिल थे ने जिला पदाधिकारी द्वारा अधिकृत अधिकारी से मिल कर वार्ता की और ज्ञापन सौंपा. ु