कामरेड यमुना प्रसाद पोद्दार

Yamun Poddar
का. यमुना पोद्दार

प्रतिबद्ध कम्युनिस्ट, लोकप्रिय मजदूर-कर्मचारी नेता का. यमुना प्रसाद पोद्दार का  निधन 2 सितम्बर 2017 को हो गया. हृदयाघात के बाद उन्हें स्थानीय भागलपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी. 85 वर्षीय कामरेड यमुना प्रसाद पोद्दार वर्तमान में ऐक्टू के सम्मानित भागलपुर जिला अध्यक्ष थे. अपने पीछे वे चार पुत्री व दो पुत्र छोड़ गए हैं. उनका छोटा पुत्र अमर (कुमोद) कुमार ऐक्टू के बिहार राज्य परिषद् सदस्य हैं.

का. यमुना प्रसाद पोद्दार एक निर्भीक, साहसी व ईमानदार कर्मचारी नेता थे. इनके समय में भागलपुर जिला में कर्मचारी आंदोलन जबर्दस्त उफान पर था. उन्होंने सरकारी महकमों के अंदर जड़ जमाए सामंती-ब्राह्मणवादी वर्चस्व को खुलकर  चुनौती दी. अफसरशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में उनकी निर्भीकता काफी चर्चित थी. इनके नाम का रिश्वतखोर-भ्रष्ट और सामन्ती प्रवृति के अधिकारियों में जबर्दस्त खौफ हुआ करता था. 1988-89 में जब बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) बना तो वे भागलपुर के जिला अध्यक्ष चुने गए. कर्मचारी आंदोलन का नेतृत्व करते हुए उन्हें जेल भी जाना पड़ा. इसके पहले इन्होंने वर्षों तक अविभाजित कर्मचारी महासंघ का बतौर जिला सचिव व जिला अध्यक्ष कर्मचारी आंदोलन का नेतृत्व किया. इन्होंने अपना पूरा कार्यकाल तो कर्मचारी आंदोलन को समर्पित किया ही सेवानिवृति के बाद भी कर्मचारी आन्दोलन से जुड़े रहे.

अविभाजित कम्युनिस्ट पार्टी के जमाने से वे कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य रहे. फिर माकपा में गए और 1988-89 में कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) में आने के साथ ही वे भाकपा-माले से जुड़ गए. 2002 से 2009 तक लगातार वे भाकपा-माले के भागलपुर नगर कमिटी सदस्य रहे और जीवन के अंतिम क्षण तक पार्टी से जुड़े रहे. शहर में पार्टी काम-काज के पूर्वी क्षेत्र में केन्द्रक की भूमिका अदा करते रहे. उनके निधन से क्षेत्र में पार्टी काम-काज को गहरा आघात लगा है.

भागलपुर में जब बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन का काम-काज शुरु हुआ तो का. पोद्दार ने अपने काम-काज को मजदूरों के बीच केंद्रित किया. यूनियन के विस्तार में बाधक एक स्थानीय जेबी संगठन के लठैतों से उन्होंने बड़ी निर्भीकता के साथ मुकाबला किया और 2006 में बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के प्रथम भागलपुर जिला अध्यक्ष चुने गए. पुलिस जुल्म के खिलाफ मजदूर आंदोलन का नेतृत्व करते हुए 2008 में उन्हें 26 मजदूरों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जीवन की अंतिम सांस तक वे भागलपुर ऐक्टू के सम्मानित जिला अध्यक्ष रहे, और साथ ही बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष भी.

अपनी निर्भीकता और मजदूर वर्ग आंदोलन के प्रति प्रतिबद्धता के कारण वे गरीबों-मजदूरों व समस्त वाम कतारों के बीच काफी प्रसिद्ध थे. उनका निधन समस्त मजदूर वर्ग आंदोलन की अपूरणीय क्षति है. उनके निधन से समस्त वाम कतारों में गहरा शोक व्याप्त है. सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी पाकर भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रभात कुमार, ऐक्टू के बिहार राज्य महासचिव आर.एन. ठाकुर, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के सम्मानित राज्य अध्यक्ष रामबली प्रसाद, सहित देश भर के सैकड़ों वाम-लोकतांत्रिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया.

3 सितम्बर 2017 को सैकडों की संख्या में वाम पार्टियों-ट्रेड यूनियनों-कर्मचारी संगठनों के नेता-कार्यकर्ता और आम गरीब-मजदूर  शोक व्यक्त करने के लिए का. यमुना प्रसाद पोद्दार के स्थानीय सुरखीकल स्थित आवास पर पहुंचे. भाकपा-माले की भागलपुर जिला इकाई की ओर से उन्हें लाल झंडा अर्पित किया गया. सैकड़ों महिला-पुरूष गरीब-मजदूरों व पारिवारिक नातेदारों-रिश्तेदारों ने का. यमुना प्रसाद पोद्दार के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किया. दो मिनट के सार्वजानिक मौन के साथ शोक व्यक्त किया और कम्युनिस्ट इंटरनेशनल के गायन के बाद भीगी पलकों के साथ शव-यात्रा शुरु हुई. संध्या करीब 5 बजे स्थानीय बरारी घाट में का. यमुना प्रसाद पोद्दार का अंतिम संस्कार संपन्न हुआ.

ऐक्टू व बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) भागलपुर ने 6 सितम्बर को स्थानीय पेंशनर समाज भवन में का. यमुना प्रसाद पोद्दार श्रद्धांजलि सभा आयोजित किया. सभा की अध्यक्षता ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस.के.शर्मा व महासंघ (गोप गुट) के जिला अध्यक्ष विष्णु कुमार मंडल ने की. संचालन ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने किया.

श्रद्धांजलि सभा को भाकपा-माले के जिला सचिव बिंदेश्वरी मंडल, माकपा के जिला सचिव सरिता सिन्हा, भाकपा के जिला सचिव सुधीर शर्मा, एसयूसीआई-सी के जिला प्रभारी दीपक कुमार मंडल, मजदूर नेता सुरेश साह, अर्जुन यादव, कामता प्र.गुप्ता, पूर्व कर्मचारी नेता अभय घोष, योगेंद्र डे, जय प्रकाश सिंह, किसान नेता महेश प्रसाद यादव आदि ने संबोधित किया.