खोखा-पटरी के दुकानदारों को उजाड़ना बंद करो दिल्‍ली के सभी स्‍ट्रीट वेण्‍डरों को लाइसेंस दो

खोखा-पटरी के दुकानदारों को उजाड़ना बंद करो!  दिल्‍ली के सभी स्‍ट्रीट वेण्‍डरों को लाइसेंस दो!!

दिल्‍ली में आज-कल खोखा-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को उजाड़ने का काम तेजी से चल रहा है । रोजगार कर अपनी आजीविका चलाना हमारा संवैधानिक अधिकार है । हम अपने अधिकारों और रोजी-रोटी पर हमला नहीं सहेंगे । हमारी मांग है कि सरकार खोखा-रेहड़ी-पटरी के छोटे कारोबारियों और छोटे दुकानदारों को उजाड़ना तत्‍काल बंद करे ।  

एक ओर न्‍यायालय के आदेश के बाद केजरीवाल सरकार ने टाउन वेंडिग कमेटियों के चुनाव कराने की हामी भरी है, वहीं दूसरी ओर खोखा-पटरी वालों को उजाड़ने का काम एमसीडी बदस्‍तूर चालू रख रही है । सभी गरीब दुकानदार रोज एमसीडी की कमेटी के आतंक में रह कर घुट-घुट कर अपना रोजगार करने का मजबूर हैं ।  एक ओर कमेटी वालों को नाजायज पैसा देना पड़ रहा है, दूसरी ओर पुलिस को हफ्ता देते हैं – फिर भी आतंक में रह कर बच्‍चों को पेट पालने का मजबूर हैं ।  सरकारें पिछले दस सालों से स्‍ट्रीट वेंडरों का सर्वे तक पूरा नहीं कर पायी हैं । अभी भी दो-तिहाई से ज्‍यादा खोखा-पटरी वालों का नाम सर्वे से बाहर है । ऐसे में टाउन वेंडिग कमेटियों का चुनाव केवल खानापूरी ही होगा और इनमें किसी भी तरह खोखा-पटरी वालों के वास्‍तविक प्रतिनिधि नहीं पहुंच पायेंगे ।

दोस्‍तो, राष्‍ट्रीय वेण्‍डर नीति को बने दस वर्ष से अधिक हो चुके हैं, और 2014 में संसद द्वारा स्‍ट्रीट वेण्‍डरों के लिए कानून पारित किया जा चुका है । फिर क्‍या कारण है कि आज भी लोग उजाड़े जा रहे हैं । अभी हाल ही में मोदी सरकार ने रिटेल में 100 प्रतिशत एफ.डी.आई. को पास कर दिया है । जिसका मतलब है कि देशी-विदेशी बडी़-बड़ी कॉरपोरेट कम्‍पनियों को अब खोखा-पटरी वालों की जगह लाने की तैयारी है । प्रधानमंत्री ने तो यह कह कर कि सभी बेरोजगार अब पकौड़े बेचें, पढ़े लिखे बेरोजगारों का भी मजाक उड़ाया है । लेकिन जब हमारे जैसे गरीब भी खोखा-पटरी से उजाड़े जा रहे हैं और पकौड़े बेचने की भी आजादी नहीं दी जा रही तो स्‍पष्‍ट है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है और वह केवल पूंजीपतियों और धन्‍नासेठों के लिए ही काम करेगी । अब तो एकजुट होकर ही हम अपने रोजगार और अपने परिवार की रक्षा कर सकते हैं ।

दिल्‍ली व एमसीडी में दशकों तक काबिज रहीं कांग्रेस और भाजपा हमेशा स्‍ट्रीट वेण्‍डरों के खिलाफ काम करती रहीं । केजरीवाल सरकार बनने के बाद वेण्‍डरों में उम्‍मीद जगी थी कि अब कुछ होगा । शुरूआत में उन्‍हें उजाड़ने का काम भी कुछ रुका, लेकिन आज साफ दिखाई दे रहा है कि केजरीवाल सरकार ने बित्‍ता भर भी ठोस काम इस दिशा में नहीं किया है । इसीलिए आज कांग्रेस-भाजपा-आप पार्टियों के बीच की राजनीति में दिल्‍ली के लाखों स्‍ट्रीट वेण्‍डरों को मुहरा बना उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है ।

हमारी मांग है कि दिल्‍ली की सरकार तत्‍काल –

  1.  इस बात की गारंटी करे कि दिल्‍ली से एक भी स्‍ट्रीट वेण्‍डर उजाड़ा नहीं जायेगा, और सभी को रोजगार का अधिकार जारी रहेगा ।
  2. हाई कोर्ट में सरकार ने कहा है कि करीब सवा लाख लोग दिल्‍ली में खोखा-पटरी से रोजगार कर रहे हैं । सरकार बताये यह आंकड़ा किस आधार पर उसको सही लगता है । जबकि दिल्‍ली में अधिकांश स्‍ट्रीट वेण्‍डरों को साल 2008-9 के सर्वे में शामिल ही नहीं किया गया था, और उसके बाद से लगातार हमारे एवं कई अन्‍य संगठनों द्वारा यह मांग की जाती रही है कि सभी वेण्‍डरों का नाम लिस्‍ट में चढ़ाया जाय । तब तो सम्‍बंधित अधिकारी यही कहते रहे कि आज-कल सर्वे का काम बंद है ।
  3. टाउन वेण्डिंग कमेटियां बनाने से पहले जरूरी है कि लोकल स्‍तर पर सब-कमेटियां बनायी जायें । ऐसा करने से सभी रोजाना और साप्‍ताहिक खोखा-पटरी फेरी वाले दुकानदारों के पास इस बात का मौका ज्‍यादा होगा कि वे अपने नाम शामिल करा सकें । दो या तीन विधानसभाओं का इलाका बहुत बड़ा होता है और वहां तक सभी खोखा-पटरी वालों की पहुंच नहीं बन पाती है ।
  4. ज्‍यादातर खोखा-पटरी वाले बिना या कम पढ़े-लिखे हैं और प्रवासी मजदूर हैं जिनके लिए सरकारी कामकाज की जटिलताओं को समझ पाना बहुत मुश्किल होता है । परिणामस्‍वरूप वे पिछले सर्वे में नहीं आ पाये और इस बार भी किसी को कुछ पता नहीं चल पा रहा कि आखिर चल क्‍या रहा है। ऐसे में सभी खोखा-पटरी वालों के बीच भय व्‍याप्‍त है । हमारी अपील है कि वेण्‍डर नीति लागू करने के लिए सरकार ऐसे नियम बनाये जिनमें ऐसे वंचित दुकानदारों को प्राथमिकता मिले । अन्‍यथा सभी सरकारी उपाय केवल सक्षम और पैसे वालों के फायदे में ही जायेंगे । गरीबों की रोजी-रोटी पर चोट पड़ेगी ।
  5. जब तक सभी खोखा-पटरी वालों के रोजगार की गारंटी नहीं हो पाती तब तक सरकार अपनी शक्तियों का उपयोग कर न्‍यायालय एवं एमसीडी द्वारा किसी भी तरह की उजाड़ने की कार्यवाही को रुकवाये ।

साथियो,

हमारी अपील है कि आप सभी अपने रोजगार की रक्षा के लिए संगठित प्रयास करें । एक बात स्‍पष्‍ट है कि केन्‍द्र सरकार किसी भी हालात में सभी खोखा-पटरी वालों को रोजगार की गारंटी नहीं करने वाली है और वह स्‍ट्रीट वेण्‍डरों के लिए बना कानून खुद वेण्‍डरों को उजाड़ने के लिए इस्‍तेमाल कर रही है । आइये, अपना हक लड़ कर जीतने की ओर आगे बढ़ें ।

निवेदक : दिल्‍ली रेहड़ी खोखा पटरी महासंघ

श्‍यामकिशोर यादव, अध्‍यक्ष (फोन: 9958034425)

गौरीशंकर पाल, महासचिव (फोन: 9958434109)

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