बालको, कोरबा के ठेका मजदूरों का सफल कामबंद आंदोलन

बालको, कोरबा के ठेका मजदूरों का सफल कामबंद आंदोलन

फैक्ट्रियों में कार्यरत ठेका कामगारों की न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा 6 महीने पहले भारत सरकार द्वारा की गई थी. लेकिन विडम्बना है कि अनिल अग्रवाल के वेदान्ता द्वारा 51 प्रतिशत हिस्सा अधिग्रहित भारत एल्युमिनियम कम्पनी बालको में कार्यरत ठेका कामगारों को आज तक बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी का लाभ नहीं दिया जा रहा था. अल्युमिनियम कामगार संघ-ऐक्टू के नेतृत्व में गत 11 अक्टूबर से सयंत्र के अंदर लगातार कामबंद धरना-प्रदर्शन के बाद बालको प्रबंधन, ठेका कम्पनी और ऐक्टू यूनियन के बीच हुई त्रिपक्षीय बैठक में कामगारों को विगत 6 माह से आज तक का बढ़ा हुआ वेतन का एरियर्स पेमेंट 17 अक्टूबर से वेतन पर्ची के साथ भुगतान करना शुरू हो गया है. साथ ही यह भी आश्वस्त किया गया है कि आंदोलन के दौरान की किसी भी ठेका कामगार की हाजिरी नहीं काटी जाएगी.

बालकों में करीब 6500 ठेका कामगार और 1200 स्थाई कर्मी कार्यरत हैं. ये मजदूर 4 ठेकेदारों के माध्यम से कार्यरत हैं.

छत्तीसगढ़ में आमतौर पर ठेका मजदूरों का बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिल रहा है. जहां बढ़ी हुई मजदूरी मिल रही है तो वर्कलोड बेतहाशा बढ़ा दिया है. इस लिहाज से बालको के ठेका मजदूरों की यह एक महत्वपूर्ण जीत है.