मोदी राज में चरम पर पहुंची असमानता

मोदी राज में नौ अमीरों ने देश की आबादी के पास मौजूद कुल संपत्ति के बराबर अपने खजाने भर लिये हैं. पिछले साल कॉरपोरेट घरानों की आमदनी में रोजाना 2200 करोड रूपये का इजाफा हुआ. देश के सबसे अमीर मुकेश अंबानी, अकेले ने ही तीन महीने में 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक का मुनाफा कमा लिया.

मोदी राज की बदौलत एक प्रतिशत अमीरों की धन-दौलत एक साल के भीतर ही 39 प्रतिशत बढ़ गई. ऐसा तब है, जब देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है, औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार घटी है और नवंबर 2018 के महीने में तो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक वृद्धि दर नगण्य सी रहकर 0.5 प्रतिशत पर आ गई. कृषि घोर संकट में है, किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं, बेरोजगारी पिछले 45 सालों में अपने चरम पर है, बुनियादी और सार्वजनिक सेवाएं खस्ताहाल हो रही हैं.

List of top 10 capitalistsदावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक से ठीक पहले जारी ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट  में कहा गया है कि भारत के सबसे बडे़ अमीर नौ लोगों के पास जितनी संपत्ति हैं वह उस कुल संपत्ति के बराबर है जो देश की आधी आबादी यानी देश के लगभग 67 करोड़ लोगों के पास है. एक प्रतिशत अमीरों की धन-दौलत एक साल के भीतर ही 39 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि 50 प्रतिशत गरीब आबादी की सपंत्ति में महज तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.  

आज दुनिया के कुल 2208 अरबपतियों में 121 अरबपति भारत के हैं जो विगत वर्ष 2017 से 19 अधिक हैं. आज भारत दुनिया के सर्वाधिक धनिकों में तीसरा बड़ा ग्रुप बन गया है जो दुनिया के धनी लोगों को अच्छा विकास दिखता है.

ऑक्सफैम ने एक अनुमान में कहा है कि 2018 से 2022 के बीच भारत में रोजाना 70 नए करोड़पति बनेंगे.

ऑक्सफैम इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ बेहर ने यह भी कहा कि सर्वेक्षण से इस बात का पता चलता है कि सरकारें कैसे स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसी सार्वजनिक सेवाओं पर कम व्यय करके असमानता को बढ़ा रही है.

ऑक्सफैम रिपोर्ट के अनुसार, अगर शीर्ष के एक प्रतिशत अमीरों से 0.5 प्रतिशत टैक्स अधिक ले लिया जाए तो इससे स्वास्थ्य क्षेत्र का देश का कुल बजट 50 प्रतिशत बढ़ जाएगा. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि यदि इन सबसे अमीर लोगों पर एक प्रतिशत टैक्स बढ़ा दिया जाए तो देश के सभी लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं और सभी तरह की चिकित्सा सेवाएं निशुल्क मिल सकती हैं.  

मुकेश अंबानी की सपत्ति से भी कम है देश की चिकित्सा व स्वास्थ्य पर खर्च. चिकित्सा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और जल आपूर्ति के मद में केंद्र और राज्य सरकारों का संयुक्त राजस्व और पूंजीगत खर्च 2,08,166 करोड़ रूपये है, जो कि देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 2.8 लाख करोड़ रूपये से भी कम है.