भारतीय रेल के निगमीकरण एवं निजीकरण के खिलाफ संघर्षों में एकताबद्ध हों

रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ-कपूरथला, पंजाब) की आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन (संबद्ध ऐक्टू) द्वारा रेल कर्मियों को जारी अपील से....

मोदी सरकार ने सभी 7 रेलवे प्रोडक्शन इकाइयों के निगमीकरण, और अंततः निजीकरण के लिये 100 दिनों का ऐक्शन प्लान जारी किया है. इसका मतलब होगाः 

  • रेलवे सुविधाएं जैसे पास, पी.टी.ओ., पेंशन, मेडिकल सुविधाएं छीन ली जायेंगी.
  • कर्मचारियों को नये सिरे से कंपनी की शर्तों पर दुबारा नौकरी ज्वाइन करने पर मजबूर किया जायेगा.
  • कर्मचारियों को जबरन सेवा मुक्ति लेने पर मजबूर किया जायेगा.
  • नये सिरे से वेतन निर्धारित किया जायेगा; वेतन आयोग, महंगाई भत्ते व अन्य भत्तों को समाप्त कर दिया जायेगा.
  • नये कर्मचारियों की भर्ती नाममात्र तनख्वाह पर ठेकेदारी प्रथा के अंतर्गत किया जायेगा, जिससे कर्मचारियों का शोषण बेतहाशा बढ़ेगा.
  • तनख्वाह व अन्य सुविधाएं समय पर नहीं मिलेंगी; नौकरी पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी; कर्मचारी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होगा.
  • उत्पादन की गुणवत्ता के साथ समझौता होगा, जिससे रेल यात्रियों की जिन्दगी जोखिम भरी होगी.
  • देश की कुदरती संपदा, श्रमशक्ति व देश के संसाधनों की अंधाधुंध लूट होगी, जिसकी कीमत लोगों को बेतहाशा प्रदूषण, अराजकता, लूट से चुकानी पड़ेगी.
  • देश का आम आदमी जिसकी सवारी सिर्फ रेलवे ही है, को रेल सेवाएं महंगी कर रेवले के सफर से वंचित कर दिया जायेगा.
  • जंग व कुदरती आपदाएं, आदि के समय सरकारी तंत्र ठप हो जायेगा तथा पूंजीपति देश की जनता को दोनों हाथों से लूटेंगे. देश एक बार फिर से गुलामी की ओर मुड़ जायेगा.