एआईसीडब्लूएफ द्वारा निर्माण मजदूरों के बीच देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान 

प्रधानमंत्री के नाम खुला पत्रा

(ऑल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन (एआईसीडब्लूएफ-संबद्ध ऐक्टू) ने सरकार द्वारा लेबर कोड के माध्यम से निर्माण मजदूरों के 1996 के दोनों कानूनों के खात्मे के विरोध में अगस्त माह में निर्माण मजदूरों के बीच देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाने का फैसला लिया है. प्रस्तुत है प्रधानमंत्री और श्रम मंत्री के नाम खुला पत्र जिस पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा और सरकार को भेजा जायेगा.)

माननीय प्रधानमंत्री/श्रम मंत्री,

भारत सरकार, नई दिल्ली

हम देश के दस करोड़ निर्माण मजदूर चार लेबर कोड का विरोध करते हैं क्योंकि इनसे निर्माण मजदूरों के 1996 के दोनों कानूनों का अन्त हो जाएगा.

निर्माण मजदूरों के 1996 के केंद्रीय कानूनों के खत्म होने से देश में कार्यरत 36 निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड भी बन्द हो जायेंगे. अब तक पंजीकृत लगभग चार करोड़ निर्माण मजदूरों में से कई लाख मजदूरों को मिल रही पेंशन बन्द हो जाएगी और लाखों निर्माण मजदूरों के बच्चों को मिल रही शिक्षा सहायता भी बन्द हो जाएगी. मातृत्व लाभ सहित अन्य सभी हित लाभ भी बन्द हो जाएंगे.

हम निर्माण मजदूरों को कोड में प्रस्तावित सुरक्षा फण्ड की कोई जरुरत नहीं है. हमें सामाजिक सुरक्षा  राज्य कल्याण बोर्डों से पहले से ही मिली हुई है जिसमें पर्याप्त कोष उपलब्ध है और इसे ही मजबूत करने की जरुरत है.

हम निर्माण मजदूर मांग करते हैं कि प्रस्तावित लेबर कोड को रद्द किया जाय, वर्तमान कानूनों को और सुदृढ़ किया जाय. निर्माण मजदूरों के लिए जीडीपी का कम से कम 1 फीसदी हिस्सा सेस कोष में केंद्र सरकार दे तथा सेस की राशि को जमा नहीं करने के खिलाफ सार्थक कार्रवाई की जाय. सेस एवं निर्माण मजदूरों के पंजीयन शुल्क से कल्याण बोर्ड में इकट्ठा 30 हजार करोड़ रु. और उस पर कमाए गए ब्याज का गैर कानूनी इस्तेमाल इन चार लेबर कोड के माध्यम से किया जा रहा है, उस पर रोक लगे.

आशा है उपरोक्त अनुरोध को स्वीकार करेंगे.