अतिक्रमण के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में वेंडरों का प्रदर्शन

30 अगस्त 2019 को दिल्ली में वेंडरों को पक्का लायसेंस निर्गत करने के लिए तथा राज्य व केंद्र सरकारों तथा विकास पदाधिकारियों द्वारा वेंडरों की जगहों का अतिक्रमण किये जाने के खिलाफ ऐक्टू, भाकपा-माले, और सीटू ने मिलकर विशाल प्रदर्शन संगठित किया. श्याम किशोर यादव (ऐक्टू) और गणेश्वर दत्त (सीटू) के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में सैकड़ों वेंडरों ने हिस्सा लिया. इसके पहले, 21 अगस्त को मयूर विहार फेज-3 में भी वेंडरों के इन्हीं मुद्दों पर एक प्रतिवाद कार्यक्रम संगठित किया गया था जिसका नेतृत्व भाकपा-माले के राज्य सचिव रवि राय, पूर्वी जिला-एनसीआर सचिव श्याम किशोर यादव, माला देवी, अमरनाथ तिवारी तथा चंद्रभूषण ने किया. 

हाल ही में, मयूर विहार फेज-3 में रहने वाले सड़क वेंडरों को गैर-कानूनी ढंग से उजाड़ दिया गया है, ये वेंडर जिस जगह पर विगत 30-35 वर्षों से अपनी दुकानें लगाकर जिंदगी गुजार रहे थे, वहां ट्रैफिक या आम जनता को कोई दिक्कत नहीं हो रही थी. उन्हें उजाड़कर स्थानीय अधिकारियों ने सड़क वेंडरों के लिये बने कानून का उल्लंघन किया है और उनसे उनकी आजीविका छीन ली है. 

इसी जगह पर 8 अगस्त को आरडब्लूए (निवासी कल्याण संघ) के नाम पर एक भुट्टा बेचने वाली महिला पर हमला करके उसे जख्मी कर दिया गया. मजबूत प्रतिवादों के बाद पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन इस मामले में उसने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके विपरीत, पुलिस उस पीड़िता को ही मुकदमा वापस लेने के लिए धमका रही है. उस महिला का एक हाथ टूट गया है, लेकिन उसका उचित इलाज तक नहीं करवाया जा रहा है. 

‘दिल्ली रेहड़ी-खोखा-पटरी महासंघ’ (संबद्ध ऐक्टू) ने दिल्ली सरकार से निम्नलिखित मांग की हैः

  1.  यह गारंटी करो कि दिल्ली में एक भी सड़क वेंडर को नहीं उजाड़ा जाएगा और उनकी आजीविका के अधिकार को सुनिश्चित किया जाएगा.
  2. दिल्ली में लाखों लोग खोखा-पटरी पर अपनी आजीविका उपार्जन करते हैं. अधिकांश सड़क वेंडरों को 2008-09 के सर्वेक्षण में शामिल नहीं किया गया था. संबंधित अधिकारी सर्वेक्षण के बहाने इसे टाल रहे हैं. तमाम वेंडरों के नाम सूची में शामिल किये जायें.
  3. असामाजिक तत्व अक्सरहां उन लोगों पर हमले और उन्हें परेशान करते रहते हैं जो फुटपाथ पर सामान बेचकर अपना गुजारा करते हैं, लेकिन पुलिस इनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देती है. सरकार फौरन इस मामले में हस्तक्षेप करे और रेहड़ी वालों की सुरक्षा के लिये समुचित कदम उठाए.  
  4. दिल्ली सरकार तमाम फुटपाथ वेंडरों की आजीविका की गारंटी करे और एमसीडी, आरडब्लूए या किसी अन्य व्यक्ति अथवा संगठन द्वारा उन्हें उजाड़ने की हर कार्रवाई पर रोक लगाए, क्योंकि इस किस्म का हमला एक आपराधिक कार्रवाई है. पुलिस और सरकार को ऐसे हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.