का. योगेश्वर गोप को याद किया गया

24 अक्टूबर 2019 को बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) की ओर से पटना व भोजपुर सहित कई जिलों में महासंघ के संस्थापक, ऐक्टू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं क्रांतिकारी मजदूर आंदोलन के नेता का. योगेश्वर गोप के 12वें स्मृति दिवस के मौके पर संकल्प सभाएं आयोजित हुईं. महासंघ के राज्य कार्यालय, पटना में आयोजित संकल्प सभा को अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा, माकपा के पूर्व जिला सचिव रासबिहारी सिंह, महासंघ के राज्य महासचिव प्रेमचन्द कुमार सिन्हा, बिहार राज्य पथ एवं भवन निर्माण विभाग कर्मचारी संघ के महासचिव फखरूद्दीन अली अहमद, बिहार राज्य लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शंभूनाथ सिंह, बिहार राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सम्मानित अध्यक्ष सुरेशचन्द्र सिंह, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट) के सम्मानित अध्यक्ष प्रदीप राय, बिहार पुलिस चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संघ के महासचिव मोहन शंकर तिवारी, बिहार राज्य सिंचाई विभाग कर्मचारी यूनियन के नेता जयप्रकाश नारायण सिंह और महासंघ के जिला नेताओं ने संबोधित किया. संकल्प सभा की अध्यक्षता सूर्यवंशी सिंह एवं संचालन जिला सचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने किया.

संकल्प सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि देश और राज्य सरकारों की गलत नीतियों के कारण देश में बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक गैरबराबरी बढ़ती जा रही है. सार्वजनिक संस्थाओं को निजी हाथों में सौंप देने की साज़िश चल रही है. मोदी-2 सरकार देश के संविधान की मूल आत्मा को नष्ट करने और आरएसएस की मनुवादी विचारधारा पर आधारित भारत बनाने पर आमादा है. इससे देश की एकता-अखंडता पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है. देश एवं राज्य में अनुबंध, मानदेय, संविदा, आउटसोर्सिंग आधारित नियुक्ति के जरिए कामगारों का भारी शोषण हो रहा है. देश के नौजवान, कर्मचारी और आम जनता सबके सब बेहद विषम परिस्थिति से गुजर रहे हैं.

वक्ताओं ने कहा कि का. योगेश्वर गोप ने हर लोभ से दूर रहकर आजीवन श्रमिकों, मेहनतकशों व कर्मचारियों के हित में संघर्ष किया. वे सभी साथियों को मिलाकर एकता के सूत्र में बांधकर चलने में विश्वास करते थे और सभी को बराबर सम्मान दिया करते थे. हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर और उनके बताए हुए रास्ते पर चलते हुए अपने-अपने संघ-यूनियन को और एकताबद्ध करना है तथा अपने हकों को हासिल करने के लिए संघर्ष तेज करते हुए कॉरपोरेट -परस्त, फासीवादी शासक वर्ग को परास्त करना है.