तमिलनाडु में मजदूरों की भूख हड़ताल

पिछले दो महीनों से अधिक समय से तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित ‘मदरसन कम्पनी’ के मजदूरों की हड़ताल जारी है. मदरसन ऑटोमोटिव टेक्नलॉजी एंड इंजीनियरिंग (एमएटीई)-3 कम्पनी के पोंडूर प्लांट के मजदूरों ने यह हड़ताल 26 अगस्त 2019 से शुरू कर रखी है. इस हड़ताल के दौरान 18 अक्टूबर 2019 को मजदूरों ने समूचे दिन भूख-हड़ताल की. उनकी मांग है कि उनकी यूनियन को मान्यता दी जाए और मजदूरी तथा कारखाने की कार्य-स्थितियों में सुधार सम्बंधी मांगों पर वार्ता की जाए. उन्होंने यूनियन में भाग लेने के लिये मजदूरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगाने की मांग की है.

जब से इस कारखाने में मजदूरों ने यूनियन बनाई है, प्रबंधन मजदूरों को एक के बाद एक सजाएं दे रहा है. पहले उसने यहां तक दबाव डाला था कि मजदूर एक बॉन्ड पर दस्तखत करें कि वे अपने यूनियन बनाने के अधिकार का परित्याग कर रहे हैं. इसके खिलाफ दो दिनों तक धरना-प्रतिवाद चलने के बाद प्रबंधन को पीछे हटना पड़ा था और उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया. मगर मजदूरों का दूसरे विभाग में स्थानांतरण करने, कारण बताओ नोटिस जारी करने समेत विभिन्न तरकीबें अपनाकर प्रबंधन द्वारा दंडात्मक कार्रवाई जारी है. इसके ही फलस्वरूप मौजूदा हड़ताल शुरू हुई है.

18 अक्टूबर को भूख हड़ताल करने के माध्यम से मजदूरों ने तमिलनाडु सरकार से मांग की है कि वह मदरसन कम्पनी के प्रबंधन को उसकी मजदूर-विरोधी अवैध कार्यवाहियों के लिये सजा दे और वार्ता करके मजदूरी पर समझौता की गारंटी करे.

इस संघर्ष का नेतृत्व चेंगई अन्ना मावट्टा जननायक तोलिलार संघम (चेंगई-अन्ना जिला डेमोक्रेटिक लेबर यूनियन) कर रहा है जो ऐक्टू से सम्बद्ध है. यूनियन की ओर से इरानिअप्पन ने प्रतिवादकारी मजदूरों को सम्बोधित किया.