स्कीम वर्कर्स की अखिल भारतीय कार्यशाला 

ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन (एआईएसडब्लूएफ) के बैनर तले 1-2 दिसंबर, 2019 को श्रीरामपुर (महाराष्ट्र) में स्कीम वर्कर्स के कार्यकर्ताओं की अखिल भारतीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का स्वागत राजेन्द्र बावके, महाराष्ट्र राज्य सर्व श्रमिक महासंघ (सम्बद्ध, ऐक्टू) ने किया; उद्घाटन उदय भट्ट, राष्ट्रीय सचिव, ऐक्टू और महासचिव, महाराष्ट्र राज्य सर्व श्रमिक महासंघ ने किया. विशेष अतिथियों के बतौर महाराष्ट्र राज्य सर्व श्रमिक महासंघ के अध्यक्ष बालासाहेब सुरूडे और महासंघ एवं ईपीएस ’95 आंदोलन के नेता अतुल दिघे मौजूद थे. कार्यशाला की शुरूआत आंदोलन व सामाजिक सरोकार से सम्बंधित गीतों की प्रस्तुति से हुई. 

कार्यशाला में कई विषयों पर पर्चे प्रस्तुत किये गए और चर्चा आयोजित की गई, जिनमें शामिल हैंः ‘‘सरकार की नीतियां एवं हमले और स्कीम वर्कर्स आंदोलन के प्रति हमारा दृष्टिकोण और रणनीति’’, जिसे रामबली प्रसाद ने प्रस्तुत किया; ‘‘देश के स्कीम कर्मियों की संरचना, मुद्दे और मांगें’’, जिसे श्वेता राज ने तैयार किया था और जीवन सुरूडे और कैलाश पांडे ने प्रस्तुत किया; ‘‘विभिन्न राज्यों में स्कीम कर्मियों की दशा तथा संघर्ष और हमारे काम-काज की दिशा’’, जिसे आशा कर्मियों को केंद्रित करते हुए शशि यादव ने, मिड-डे मील को केंद्रित करते हुए सरोज चौबे ने और आंगनबाड़ी को केंद्रित करते हुए सुवर्णा तालेकर ने प्रस्तुत किया; और ‘‘स्कीम कर्मियों का राजनीतिकरण, उनकी सामाजिक भूमिका और ऐक्टू’’, जिसे रणविजय कुमार और शशि यादव ने प्रस्तुत किया. 

प्रत्येक राज्य में स्कीम कर्मियों के बीच फेडरेशन के काम-काज की मौजूदा अवस्था, इसके सुदृढ़ीकरण व विस्तारीकरण पर विचार-विमर्श किया गया और आगे की योजना बनाई गई. कार्यशाला का निष्कर्ष रखते हुए समापन वी. शंकर ने किया.

कार्यशाला का संचालन सरोज चौबे, सुवर्णा तालेकर, मुकुल भट्टाचार्य, जयश्री दास, मिसांम तरंगपि और रीता कश्यप के अध्यक्ष मंडल ने किया.

कार्यशाला में बिहार, झारखंड, प. बंगाल, कार्बी आंग्लांग, महाराष्ट्र, उत्तराखंड राज्यों से 75 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जो मुख्यतः आशा, मिड-डे मील और आंगनबाड़ी स्कीमों से थे. 

कार्यशाला के दूसरे दिन एआईएसडब्लूएफ के बैनर तले हैदराबाद-रांची समेत देश भर में महिला हिंसा व बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ शासकीय विश्राम गृह, श्रीरामपुर के सामने से मेन रोड, गांधी चौक तक मार्च निकाला गया और चौक पर एक सभा की गई.

कार्यशाला ने अंत में प्रस्ताव पारित किए जिनमें से कुछ प्रमुख हैंः 

  • 8 जनवरी 2020 की देशव्यापी आम हड़ताल को स्कीम कर्मियों की व्यापक भागीदारी के साथ जोरदार ढंग से सफल बनाया जाएगा. 
  • फरवरी माह में तय ऐपवा का राष्ट्रीय सम्मेलन सफल बनाने का आह्वान किया गया. 
  • एआईएसडब्लूएफ का राष्ट्रीय सम्मेलन अगले वर्ष जून माह में बिहार में आयोजित किया जाएगा.
  • 15-30 दिसंबर तक केंद्रीय मांगों को लेकर अभियान संचालित किया जाएगा. साथ में सदस्यता अभियान भी चलाया जाएगा.
  • अगले वर्ष जनवरी-फरवरी में राज्यों में कन्वेंशन व सम्मेलन आयोजित किये जाएंगे.
  • आशा, आंगनबाड़ी और मिड-डे मील की राष्ट्रीय स्तर पर कमेटियों का निर्माण किया जाएगा.
  • सितंबर 2020 में दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की रैली का आयोजन किया जाएगा. इसके पूर्व जुलाई माह में विभिन्न राज्यों में विधानसभा घेराव का कार्यक्रम लिया जाएगा. ु