फूलपुर इफ्को दुर्घटना  - तबाही के इंतजार में सरकार 

22 दिसंबर 2020 की देर रात को उत्तर प्रदेश के फूलपुर स्थित इंडियन फॉर्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लि. (इफ्को खाद कारखाने) में हुए अमोनिया गैस रिसाव से दो अधिकारियों की मौत हो गई. उनकी मौत गैस रिसाव को विकराल होने से रोकने के दौरान दम घुट जाने से हुई. करीब डेढ़ दर्जन कर्मचारी इससे बुरी तरह प्रभावित हुए. यदि रिसाव पर काबू न पाया गया होता तो नजारा कुछ-कुछ भोपाल गैस कांड जैसा हो सकता था. सुरक्षा मानकों के कड़ाई से अनुपालन और ऐसे नाजुक मौकों पर उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई होती, तो ये जानें बचाई जा सकती थीं. इन मौतों के लिए सरकार व प्रबंधन की लापरवाही पूरी तरह से जिम्मेवार है.

गैस से बीमार हुए हरिश्चन्द्र यादव जो पिछले 13 सालों से इफ्को में संविदा कर्मचारी के तौर पर कार्यरत हैं, वे कहते हैं यदि आक्सीजन की मात्रा भरपूर होती तो किसी की भी हालत इतनी ज्यादा नहीं बिगड़ती. उनके मुताबिक इन्हीं सुरक्षा के सवालों पर जब कभी इफ्को प्रबन्धन से बात करो तो वह सीधे काम छोड़ने की धमकी देता है.

ऐक्टू और भाकपा-माले ने इन मौतों पर शोक-संवेदना जताते हुए सुरक्षा मानकों को लेकर चिंता प्रकट की है. उन्होंने कहा है कि फैक्टरी में जानलेवा गैस रिसाव की घटनाएं बार-बार हो रही हैं मगर सरकार को अब भी दुर्घटना के तबाही बनने का इंतजार है.

उन्होंने गैस रिसाव रोकने में जान गंवाने वाले अधिकारियों के परिवारों को योगी सरकार द्वारा घोषित मुआवजा राशि -चार-चार लाख रु.- को हास्यास्पद बताया. 

योगी सरकार शर्म करो

फूलपुर (प्रयागराज) इफ्को फैक्टरी में ऐक्टू से सम्बद्ध ठेका मजदूर यूनियन ने 23 दिसंबर की शाम को शोक सभा आयोजित की, जिसमें मजदूरों ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. शोक सभा  में कारखाने में अमोनिया रिसाव में मृतक अधिकारियों की याद में दो मिनट मौन रखा गया. यूनियन के मंत्री देवानंद ने कहा कि इफ्को में अमोनिया रिसाव की यह पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी कई घटनाएं हुई हैं. प्रबंधन के ध्यान नहीं देने के कारण आये दिन मजदूर किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. ताजा दुर्घटना संवेदनशील कार्यों में लगे कर्मचारियों को बिना सुरक्षा उपकरण मुहैया कराये जबरन काम करवाने का ही परिणाम है. ऐक्टू के जिला सचिव कमल उसरी ने कहा कि योगी सरकार संवेदनहीन हो गई है. वह अपने अधिकारियों-कर्मचारियों की मौत पर भी संवेदनशीलता का परिचय नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ किसान पूरे देश में लड़ रहा है और किसानों के लिए खाद बनाने वाली फैक्टरी के मजदूर सरकार की लापरवाही से जान गवां रहे हैं. सभा ने  मृतकों के परिजनों को 1करोड़ रुपए का मुआवजा देने के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने, सभी घायलों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने, गैस रिसाव के दोषियों को दंडित किए जाने और पुनरावृत्ति रोकने के लिए उच्च सुरक्षा मानकों को अपनाने की मांग की. सभा की अध्यक्षता यूनियन के उपाध्यक्ष त्रिभुवन नाथ यादव व संचालन मंत्री देवानंद ने किया.