नोटबन्दी और जीएसटी से परेशान होकर व्यवसायी की आत्महत्या की कोशिश और उसके बाद दुर्भाग्यपूर्ण मौत सरकार की गलत नीतियों का दुष्परिणाम

नोटबन्दी और जीएसटी से परेशान होकर व्यवसायी की आत्महत्या की कोशिश और उसके बाद दुर्भाग्यपूर्ण मौत सरकार की गलत नीतियों का दुष्परिणाम है। भाकपा(माले) जिला कमेटी ने प्रेस बयान में यह बात कही।
भाकपा(माले) जिला सचिव कैलाश पाण्डेय ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर व्यापारियों द्वारा आहूत बंद का पूर्ण समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि, नोटबन्दी और जीएसटी ने लघु व्यापारियों और आम जनता पर व्यापक असर डाला है। लोग तबाह हुए हैं,व्यापार थप्प है, रोजगार के अवसर घटे हैं, लाखों कामगारों को छंटनी का शिकार होना पड़ा है परंतु हमारी सरकारें अपनी पीठ खुद थपथपा रही हैं। नोटबन्दी ने 150 से अधिक लोगों की बलि ली परंतु काले धन और उसके मालिकों की अभी तक कोई खोज खबर नहीं है। परिणाम आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। हल्द्वानी के व्यवसायी की मौत इसका ताजा उदाहरण है। इसलिए 'माले' इस मुद्दे पर व्यापारियों के साथ है हम व्यापार संस्थाओं द्वारा आहूत बंद के पूर्ण समर्थन में हैं।

कैलाश पाण्डेय
जिला सचिव
भाकपा माले
फोन- 9411129579

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