बीएसपी अस्पताल की कैजुअल्टी के सामने विरोध-प्रदर्शन

भिलाई स्टील प्लांट द्वारा संचालित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र में विगत वर्षों से कार्यरत सफाई ठेका श्रमिकों ने पिछले 3 माह से वेतन का भुगतान न किए जाने के विरोध में 1 जून को कैजुअल्टी के सामने मुंह में लाल पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

यह विरोध प्रदर्शन तीन श्रम संघों - सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स (संबद्ध ऐक्टू), हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन (संबद्ध सीटू) और लोकतांत्रिक इस्पात एवम इंजी. मजदूर यूनियन - के संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में आयोजित हुआ. प्रदर्शन में ऐक्टू की ओर से श्याम लाल साहू, जय प्रकाश नायर, बृजेन्द्र तिवारी, आदि शामिल थे.

सुबह 6 बजे से इन सफाई कर्मियों का कार्य प्रारंभ हो जाता है. इनके कार्य में पूरे अस्पताल के फर्श को हमेशा स्वच्छ और इन्फेक्शन-मुक्त बनाए रखने के लिए फिनाइल से पोछा लगाने, मरीजों के लिए बेडशीट बिछाकर बेड तैयार करने, पुरानी बेडशीट को हटाने सहित टॉयलेट आदि की साफ-सफाई जैसे विभिन्न काम शामिल रहते हैं. इन सारे कामों को जो कि अस्पताल के हिसाब से बेहद आवश्यक तथा समय लेने वाले हैं, ये सफाई कर्मी नियमित रूप से वर्षों से करते आ रहे हैं. इन कर्मियों को लम्बे समय से तीन-तीन माह के लंबे अंतराल में वेतन का भुगतान किया जाता रहा है, जिसके चलते इन कर्मियों के परिवार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे थे. यही कारण है कि इन पीड़ित कर्मियों के अंदर लंबे समय से पल रहा आक्रोश अचानक फूट पड़ा और इन्होंने अस्पताल की कैजुअल्टी के समक्ष विरोध-प्रदर्शन किया. ज्ञातव्य है कि इस अस्पताल में लगभग 250 सफाई कर्मी तीनों पालियों में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं जो विगत वर्षों से यहां कार्यरत हैं जिनमें लगभग 175 महिलाएं एवम् 75 पुरुष कर्मी कार्यरत हैं. इन सफाई कर्मियों को वेतन-पर्ची, परिचय-पत्र व हाजिरी- कार्ड नहीं दिए जाने के मामले निरंतर सामने आते हैं जो कि सरासर वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है.

साथ ही, इस प्रदर्शन के तीन दिन पहले ड्यूटी जाने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त ठेका कर्मियों के ईलाज में अस्पताल द्वारा आनाकानी कर पीड़ितों को बिल पकड़ा देने व उन्हें अन्यत्र इलाज करवाने की हिदायत देने के मामले ने भी ठेका कर्मियों के बीच तूल पकड़ लिया.

इन दोनों ही मुद्दों को ट्रेड यूनियनों ने अस्पताल के प्रशासन के समक्ष उठाया.

प्रदर्शन के दबाव में जेएलएन अस्पताल के प्रभारी निदेशक (चिकित्सा एवम स्वास्थ्य सुविधाएं) को कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाने के लिये मजबूर होना पड़ा, जिसमें सेंटर ऑफ स्टील वर्कस के महासचिव श्यामलाल साहू के अलावा अन्य यूनियनों के नेतागण शामिल थे. सभी मुद्दों को निदेशक व जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष रखा गया और उन्होंने श्रमिकों की मांगों को जायज मानते हुए निर्णय लिया किः

कर्मियों के बकाए वेतन का भुगतान 25 जून तक कर दिया जाएगा तथा बकाया बोनस की राशि का भुगतान जल्द ही किया जाएगा और फिलवक्त राहत राशि के रूप में कुछ राशि का भुगतान प्रायरिटी-पत्र लिखकर तीन दिनों के भीतर कराया जाएगा; दुर्घटना में घायल श्रमिकों के ईलाज का बोझ मजदूरों पर नही डाला जाएगा और न ही उनके ईलाज में किसी प्रकार की कोताही बरती जाएगी; वेतन-पर्ची जो अब तक नहीं दी जा रही थी अब सभी सफाई कर्मियों को दी जाएगी; सभी कर्मियों को परिचय-पत्र जारी किया जाएगा; और निर्धारित समय पर वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा. ु