का. जी.एल. धर

का. गिरधारी लाल धर का निधन 5 जून 2018 को 84 वर्ष की आयु में हुआ. वे मूलतः श्रीनगर, कश्मीर के थे.

उन्होंने बहुत की कम उम्र में यूनियन की गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया और वे हमेशा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संघर्षों में सबसे अगली कतार में रहे. वे भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय के पर्यटन विभाग में कार्यरत थे. वे केंद्रीय सचिवालय और सहयोगी कार्यालय कर्मचारियों के संगठन के महासचिव चुने गए थे. सरकारी पद से सेवानिवृत्ति के बाद का. धर एटक के केंद्रीय कार्यालय में पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए और मार्च 1994 में एटक के राष्ट्रीय सचिव चुने गए और आखिरी समय तक उस पद पर बने रहे. वेे 2012 में सीपीआई की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य भी चुने गए थे.

उन्होंने बीएसएनएल के एनएफटीआई के संघों से लेकर तेल क्षेत्र के ठेका मजदूरों समेत इस सेक्टर की यूनियनों को मार्गदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसी तरह ग्रामीण डाक सेवकों को एक मजबूत और संघर्षशील यूनियन एआईजीडीएसयू बनाने एवं संचालन में भी उनका मार्गदर्शन मिलता था. वे केंद्रीय कर्मचारियों के साथ ही राज्य कर्मचारियों और अन्य सेक्टरों जैसे रोडवेज, रक्षा, एयरपोर्ट, सर्विस सेक्टर आदि में कर्मचारी फेडरेशनों का मार्गदर्शन करते रहे. उन्होंने चौथे केंद्रीय वेतन आयोग काल की वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

वे देश के कर्मचारी आंदोलन के एक अग्रणी नेता थे जिनके निधन से कर्मचारी आंदोलन ने एक मजबूत आवाज को खो दिया है.

ऐक्टू का. जी.एल. धर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है और इस दुख के मौके पर परिवारजनों एवं एटक के सदस्यों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करता है.