बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ का तीसरा सम्मेलन

आशा को सरकारी कर्मी का दर्जा दो, 18000 मानदेय लागू करो के नारों के साथ ऐक्टू और कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) से संबद्ध ‘बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ’ का तीसरा राज्य सम्मेलन पटना में 3 नवंबर ’18 को संपन्न हुआ. सम्मेलन ने आशा सहित सभी स्कीम वर्करों को आधुनिक गुलाम बनाने वाली मोदी- नितीश सरकार को आगामी चुनाव में धूल चटाने, 1 दिसंबर से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल से मोदी-नितीश के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू करने तथा 8-9 जनवरी ’19 को देशव्यापी दो दिवसीय आम हड़ताल को सफल बनाने का आहृान किया. सम्मेलन से अगले 2 वर्ष के लिए सर्वसम्मति से 15-सदस्यीय पदाधिकारियों में शशि यादव को अध्यक्ष, विद्यावती पांडे को महासचिव, अनीता देवी को कोषाध्यक्ष चुना गया. साथ ही रामबली प्रसाद संघ के संरक्षक व सुरेश चंद्र सिंह सम्मानित अध्यक्ष चुने गये.

सम्मेलन का उद्घाटन महासंघ के सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद ने किया. सम्मेलन को ऐपवा राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी, विद्यालय रसोइया संघ अध्यक्ष सरोज चौबे, ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार, एड्स कंट्रोल कर्मचारी संघ के महासचिव दयाशंकर प्रसाद, महासंघ के महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा, चिकित्सा संघ के महामंत्री चंद्रभूषण चौधरी, ऐक्टू नेता मुर्तज़ा अली आदि नेताओं ने मुख्य रूप से संबोधित किया.

सम्मेलन में उपस्थित आशा कर्मियों को संबोधित करते हुए उक्त नेताओं ने मोदी-नीतीश सरकार पर जमकर हमला किया. नेताओं ने मोदी पर देश को तबाह-बर्बाद करने वाली सरकार बताया तथा अडानी-अंबानी जैसे कॉरपोरेट घरानों के हाथों देश की अर्थव्यवस्था व पूंजी को हवाले करने का आरोप लगाया. नेताओं ने कहा कि महिला सशक्तीकरण व ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली मोदी सरकार के पास मेहनतकश महिला समुदाय के हितों पर सोचने की भी फुर्सत नहीं है और आए दिन इस सरकार के मंत्री से लेकर भाजपा नेता महिलाओं को बलात्कार की धमकी देते हैं. नेताओं ने कहा की स्कीम वर्करों की संगठित सम्मिलित ताकत मोदी-नितीश सरकार के ताबूत में आखिरी कील ठोकेगी. सम्मेलन में राज्य भर से आये 300 से अधिक आशा कर्मी प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

सम्मेलन का संचालन सुरेश चंद्र सिंह, शशि यादव, विद्यावती पांडेय, सीता और गीता देवी के पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया. ु