कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) का 21वां राज्य सम्मेलन संपन्न

8.9 जनवरी को ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने का आहृान

बिहार राज अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) का तीन दिवसीय 21 वां राज्य सम्मेलन (23-25 नवंबर) गया कॉलेज, गया के मुंशी प्रेमचंद सभागार में संपन्न हुआ. सम्मेलन की अध्यक्षता भाग्यनारायण चौधरी, माधव प्र. सिंह, रामचंद्र प्रसाद, नागेंद्र सिंह, सुधिष्ठ नारायण झा व लालन सिंह के 6-सदस्यीय अध्यक्षमंडल ने किया. झंडोत्तोलन अध्यक्ष भाग्य नारायण चैधरी ने किया. शहीद वेदी पर पुष्पांजलि के साथ शहीदों को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई.

सम्मेलन में अतिथियों के अलावे 29 जिलों, 61 अनुमंडलों और 23 सम्बद्ध संघों के कुल 253 प्रतिनिधियों/प्रेक्षकों की भागीदारी रही.

सम्मेलन की शुरूआत उद्घाटन सत्र से हुई जिसे ऐक्टू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी, ऐक्टू के राज्य महासचिव आर.एन. ठाकुर, बिहार के एक अन्य बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (सीटू) के महासचिव विश्वनाथ सिंह, नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल इम्प्लॉईज के रमानंद सिंह व शम्भू कुमार ने संबोधित किया.

सम्मेलन के दूसरे दिन के प्रतिनिधि सत्र का उद्घाटन धीरेंद्र झा, राष्ट्रीय महासचिव, खेग्रामस व भाकपा (माले) पोलिट ब्यूरो सदस्य ने किया. उन्होंने मोदी राज के मजदूर वर्ग के साथ देश की आम मेहनतकश जनता के खिलाफ चौतरफा हमलों का जिक्र करते हुए 2019 में मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने की जरूरत व चुनौती को पूरा करने का आहृान किया. इसी सत्र में विदायी कमेटी की ओर महासचिव प्रेमचंद सिन्हा ने पिछले तीन सालों के कामकाज की रिपोर्ट प्रस्तुत की.

तीसरे व अंतिम दिन सम्मेलन को मुख्य रूप से ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार तथा आशा कार्यकर्ता संघ की राज्य अध्यक्ष शशि यादव ने सम्बोधित किया. उक्त नेताओं ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रतिनिधियों से गुलामी वाली ठेका-मानदेय नियोजन प्रथा को समाप्त करने तथा कॉरपोरेट व अमीर परस्त नीतियों वाली मोदी व नितीश सरकार के खिलाफ 8-9 जनवरी को आहूत ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय अखिल भारतीय हड़ताल को पूर्ण रूपेण सफल बनाने का आहृान किया. नेताओं ने कहा कि बिहार में कर्मचारी आंदोलन को राजनीतिक स्वरूप में लड़ने और सरकारों को गद्दी से उतार फेंकने का नाम महासंघ (गोप गुट) है, गोप गुट कर्मचारियों की मांगों के लिये सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने का एक निर्भीक नाम है, नेताओं ने कहा कि महासंघ (गोप गुट) बिहार के लाखों नियमित, संविदा-मानदेय व आऊटसोर्स कर्मचारियों का एकमात्र आशा-विश्वास और भरोसे का केंद्र है.

सम्मेलन के तीसरे दिन आठ प्रस्ताव पास किए गये जिनमें खासकर 8-9 जनवरी ’19 को मोदी सरकार की देश व मज़दूर विरोधी नीतियों तथा महंगी-बेरोजगारी बढ़ाने वाली नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की अखिल भारतीय हड़ताल को सफल बनाने, बिहार में बरखास्त महिला पुलिस कर्मियों को बहाल करने व उनके यौन उत्पीड़न पर अविलंब रोक लगाने, राज्य में जारी चरम अफ़सरशाही पर लगाम लगाने, 1 दिसंबर से आशा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को सफल बनाने, ठेका मानदेय वाली नियोजन प्रथा की समाप्ति व ऐसे सभी कर्मियों की स्थायी नियुक्त करने, नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना चालू करने, सभी संवर्गों का राज्य में लंबित प्रोन्नति व एसीपी-एमएसीपी का आर्थिक लाभ देने तथा एड्स नियंत्रण कर्मियों को 2013 से बकाया मानदेय का लाभ देने तथा एड्स नियंत्रण कर्मियों का 1 दिसंबर से होने वाले आंदोलन का समर्थन करने के प्रस्ताव शामिल हैं. सम्मेलन से समान काम के बदले समान वेतन, गुलामी वाली ठेका-मानदेय प्रथा की समाप्ति व पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांगों पर बजट सत्र के दौरान जिला से लेकर राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा के साथ सम्मेलन सम्पन्न हुआ.

सम्मेलन के अंत में महासंघ (गोप गुट) के सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद ने संबोधित करते हुए महासंघ की 5 दशकों से स्थापित क्रांतिकारी वाम दिशा और का. योगेश्वर गोप की विरासत को और समृद्ध बनाने के साथ-साथ इसके लिए महासंघ व सम्बद्ध संघों की सदस्यता को कम से कम एक लाख तक पहुंचाने और राज्य के कर्मचारी आंदोलन को एक नई ऊँचाई तक ले जाने का आहृान किया.

अंत में सम्मेलन मंच से सम्मेलन की सफलता के लिए रात-दिन काम कर रहे तमाम कार्यकर्ताओं और गया जिला महासंघ के प्रति आभार व्यक्त किया गया.

कामकाज की रिपोर्ट के सर्वसम्मति से पास होने के बाद, सम्मेलन से अगले तीन वर्षों के लिये मुख्य संरक्षक महेंद्र राय, सम्मानित राज्याध्यक्ष रामबली प्रसाद, अध्यक्ष जियालाल प्रसाद, महासचिव प्रेमचंद सिन्हा, कोषाध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, पांच राज्य उपाध्यक्ष और पांच राज्य सचिव सहित कुल 15 सदस्यीय पदाधिकारी चुने गए.

इसके साथ ही संघर्ष कोष कमेटी के अध्यक्ष अरुण कुमार, सचिव सुनील कुमार चतुर्वेदी एवं कोषाध्यक्ष सूर्यवंशी सिंह चुने गए. निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया महासंघ (गोप गुट) के पूर्व नेताओं श्याम लाल प्रसाद, चंद किशोर प्रसाद तथा राजेन्द्र राय की देख रेख में सम्पन्न हुई. ु