दिल्ली में रेहड़ी-खोखा वालों का रोजगार मार्च

20 अक्टूबर 2019 को दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 में रेहड़ी-खोखा-पटरी उजाड़ने के खिलाफ भाकपा-माले और ऐक्टू के नेतृत्व में ‘रोज़गार मार्च’ निकाला गया. मार्च में खोड़ा कालोनी, कल्याणपुरी, मंडावली, लक्ष्मीनगर समेत पूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से रेहड़ी-खोखा-पटरी लगाने वालों ने हिस्सा लिया.

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से लगातार स्वरोजगार करने वाले छोटे दुकानदारों को दिल्ली पुलिस व एम.सी.डी. द्वारा उजाड़ा जा रहा है. घनघोर आर्थिक मंदी के दौर में, जब कल-कारखाने बंद हो रहे हैं, तब बमुश्किल रोजी-रोटी जुटा पा रहे रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को उजाड़ना, सरकार द्वारा उठाया जा रहा अत्यंत क्रूर व गैरक़ानूनी कदम है. इस तरीके से इन दुकानदारों को हटाना ‘पथ विक्रेता अधिनियम, 2014’ के मुताबिक भी गलत है. न तो इन दुकानदारों का कोई ‘सर्वे’ किया गया है और न ही कोई वैकल्पिक जगह दी गई है.

मार्च की अगुवाई भाकपा-माले के राज्य सचिव रवि राय, ऐक्टू नेता श्यामकिशोर यादव, आदि ने की.

मयूर विहार में पहले भी रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को उजाड़ने की कोशिशें की गई हैं, दिल्ली के करोल बाग, दिल्ली गेट इत्यादि जगहों पर भी इन दुकानदारों को हटाया गया है. एक तरफ तो दिल्ली व केंद्र सरकार सभी मामलों पर असहमत होते हैं, पर गरीबों-मज़दूरों के अधिकार छीनने के मामले में दोनों एकसाथ हो जाते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री के तमाम वादों के बावजूद, रेहड़ी-खोखा-पटरियां हटाई जा रही हैं. एम.सी.डी व केंद्र सरकार तो पहले से ही खुदरा विक्रेताओं को उजाड़ने वाले कानून ला रहे थे व जन-विरोधी कदम उठा रहे थे, पर अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में निरंकुशता और बढ़ गई है. सभा में मौजूद सभी दुकानदारों ने आनेवाले दिनों में अन्याय का डटकर मुकाबला करने व अपनी जगह न छोड़ने का संकल्प लिया.