रिपोर्ट

अर्नबगेट और गोदी मीडिया के गोयबल्सीय प्रचार के खिलाफ भारत की लड़ाई

भारत के कुख्यात गोदी मीडिया - मीडिया की वह शाखा, जो न केवल लोकतंत्र के हितों के खिलाफ सत्ता की तरफ से काम करती है, बल्कि जो नफरत व झूठ फैलाने के लिए चौबीसों घंटे फासिस्ट ताकतों के साथ सांठगांठ कर प्रचार युद्ध में हिंसक हमलावरों की भूमिका अदा करती है, तथ्यों में तोड़-मरोड़ करती है और विरोधियों पर शैतानी चेहरा चढ़ाती है - के एक क्रूर सदस्य अर्नब गोस्वामी को आखिरकार अपनी खुद की दवा की यथोचित खुराक मिल गई है. एक लंबे समय से वह ई-मेल और व्हाट्सऐच चैट के जरिये चंद रहस्योद्घाटनों का इस्तेमाल कर मोदी-शाह सत्ता प्रतिष्ठान और संघ ब्रिगेड की तरफ से मीडिया ट्रायल चला रहा है.

आत्मनिर्भर किसान का मोदी मॉडल

प्रधानमंत्री की बहुप्रचारित किसान सम्मान योजना के तहत, भूमिहीनों व गरीब किसानों को छोड़कर, 6000 रु. वार्षिक/किसान परिवार देने की घोषणा की गई अर्थात 500रु. प्रति परिवार प्रति माह. ज्ञात हो देश के किसी किसान ने सरकार से इस राशि की मांग नहीं की थी. फिर सरकार किसानों पर अचानक इतना मेहरबान क्यों हो गई? आइए जरा गौर करें, सरकार किसानों से कितना ले रही है और कितना उनको दे रही है. 

दिल्ली किसान परेड पर कुछ बातें 

5 जनवरी की भयानक ठंड में सिंघू, टिकरी और गाजीपुर के प्रतिवाद स्थलों पर किसान देर रात तक जागते हुए परेड की तैयारी और अपने ट्रैक्टरों व ट्रॉलियों को सजाने में लगे हुए थे.

26 जनवरी को टिकरी में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूल्दू सिंह के साथ -साथ गुरनाम सिंह और जसबीर कौर नत ट्रैक्टर परेड की अगली पांत में मौजूद थे. गाजीपुर में किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह के साथ उत्तराखंड से पुरुषोत्तम शर्मा और उत्तर प्रदेश से ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा परेड की अगली पांत में थे.

भारत में कोरोना महामारी और लॉकडाउन में  तेजी से पनपा असमानता का वायरस

गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ऑक्सफैम ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की दौलत 35 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि इस दौरान करोड़ों लोगों के लिए आजीविका का संकट पैदा हो गया. ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘इन्इक्वालिटी वायरस’ (असमानता का वायरस) में कहा गया कि ‘मार्च 2020 के बाद की अवधि में भारत में 100 अरबपतियों की संपत्ति में 12,97,822 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है.

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने श्रम मंत्री के साथ वार्ता में श्रम कोडों पर रोक लगाने की मांग की 

(20 जनवरी 2021 को भारत सरकार के श्रम मंत्री ने श्रम कोडों के नियमों पर चर्चा के लिये केंद्रीय ट्रेड यूनियनों को श्रम मंत्रालय में बैठक के लिये बुलाया. बैठक में ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने श्रम कोडों पर रोक लगाने की मांग करते हुए नियमों पर चर्चा करने से इंकार कर दिया. प्रस्तुत है संयुक्त मंच द्वारा दिया गया पत्र और बयानः)

मिड-डे मील रसोइयों पर हाईकोर्ट ने कहा  न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन बंधुआ मजदूरी जैसा

स्कूलों में बच्चों को पोषण आहार मिड-डे मील उपलब्ध कराने वाले रसोइयों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. हाई कोर्ट ने परिषदीय स्कूलों में काम करने वाले इन रसोइयों को अब न्यूनतम मजदूरी से अधिक वेतन का भुगतान करने का महत्वपूर्ण फैसला दिया है. कोर्ट ने प्रदेश में सभी रसोइयों को न्यूनतम वेतन भुगतान का निर्देश दिया है. इस आदेश से रसोइयों के वेतन में बढ़ोत्तरी हो सकेगी.

कोरोना महामारी काल में भारत के 100 धन्नासेठों  की संपत्ति में 14 प्रतिशत वृद्धि हुई

अरबपतियों के पास देश के कुल बजट से भी अधिक सपंत्ति है. इन एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास देश की कम आय वाली 70 प्रतिशत आबादी यानी 95.3 करोड़ लोगों की तुलना में चार गुने से अधिक संपत्ति है. एक अध्ययन में इस साल 20 जनवरी को इसका खुलासा किया गया था. परंतु ध्यान देने योग्य यह है कि अक्टूबर 2020 में जारी फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी काल में जब पूरी देश की आबादी एवं अर्थव्यवस्था बदहाल हो गई है तो मोदी कृपा से देश के 100 धन्नासेठों की संपत्ति में 14 प्रतिशत वृद्धि हुई है. 8 अक्टूबर को फोब्र्स द्वारा जारी देश के 100 धनिकों की सूची से यह खुलासा हुआ है.

सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा एक आरटीआई के आधार पर 24 अगस्त 2020 को दी गई जानकारी के अनुसार निम्नलिखित 26 सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों में सरकार रणनीतिक विनिवेश (यानी पूर्ण बिक्री) को अंजाम दे रही है. ये कंपनियां हैंः

ऐक्टू के नेतृत्व में प. बंगाल में मिड-डे मील कर्मियों का संघर्ष

ऐक्टू से संबद्ध ‘पश्चिमबंगा संग्रामी रंधन कर्मी यूनियन’ के नेतृत्व में राज्य में 13 अक्टूबर को मिड-डे मील कर्मियों के राज्यव्यापी प्रदर्शन आयोजित हुए जिनमें मजदूरी में बढ़ोतरी और त्योहार भत्ते की मांग उठाई गई. पिछले आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मिड-डे मील सेवा को मनरेगा के साथ जोड़ते हुए मजदूरी में बढ़ोतरी का आश्वासन दिया था, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है. 

हिन्दू राव समेत एमसीडी के अस्पतालों के संघर्षरत चिकित्सकों और कर्मचारियों को समर्थन

ऐक्टू व दिल्ली के विभिन्न ट्रेड यूनियन संगठनों ने 26 अक्टूबर को एमसीडी (दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन) हिन्दू राव अस्पताल के भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों व अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन-स्थल पर जाकर, अपनी एकजुटता जाहिर की. ऐक्टू से जुड़े विभिन्न क्षेत्र के मजदूर साथियों ने भी डॉक्टरों और एमसीडी कर्मचारियों के समर्थन में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन किया.