LABOUR SNIPPETS – APRIL 2024
LABOUR SNIPPETS – APRIL 2024
- Lekha
Almond Workers Protest in Karawal Nagar, Delhi
LABOUR SNIPPETS – APRIL 2024
- Lekha
Almond Workers Protest in Karawal Nagar, Delhi
Workers’ Convention
Resolves to Vote Out the BJP!
Advisory for Employers to
Promote Women Workforce Participation:
No Jobs / Poor Jobs:
The ILO Report on Education and Employment
A Worrying Picture
- Akash Bhattacharya
The May Day Call of AICCTU!
The Workers Manifesto – 2024
May Day Observance at tea garden
Braving thunderstorm and rains, nearly 100 workers assembled at Dipa Line of Sachindra Chandra Tea Estate in Khoribari, Darjeeling district to observe historic May Day.
Excerpts of an interview with Sumanti Ekka, a 26 year old tea worker of Darjeeling district, West Bengal, recorded by Saswati Sengupta on 5 April 2021)
असम के चाय मजदूरों के लिये गुजरे वर्ष 2018 के लिये कैबिनेट कमेटी ऑन पब्लिक एकाउंट (सीसीपीए) द्वारा की गई 8.33 प्रतिशत बोनस की घोषणा ने चाय मजदूरों के बीच तीव्र जन-विक्षोभ पैदा कर दिया है. ट्रेड यूनियनों के संयुक्त फोरम - ज्वायंट ऐक्शन कमेटी आफ टी वर्कर्स (जेएसीटीडब्लू), जिसमें असम संग्रामी चाह श्रमिक संघ (संबद्ध ऐक्टू) भी भागीदार है, और सामाजिक संगठनों ने मिलकर 20 प्रतिशत बोनस देने की मांग पर 12 सितम्बर 2019 को राज्यव्यापी प्रतिवाद प्रदर्शन का आह्वान किया.
20 अगस्त 2018 को, ज्वाइंट एक्शन कमेटी ऑफ टी वर्कर्स वेज (जेएसीटीडब्लूडब्लू) ने चाय बागान मजदूरों के लिए 351.33रु. दिहाड़ी की मांग के लिए एक दिवसीय हड़ताल (बागिसा बंद) का आहृान किया. ये असम के चाय बागान मजदूरों की लंबे समय से चली आ रही मांग है, और जेएसीटीडब्लूडब्लू ने इसी मांग के आधार पर यह संघर्ष खड़ा किया है.
पश्चिम बंगाल हो या असम, चाय बागान के दिहाड़ी मजदूर भूखों मर रहे हैं. भारतीय रेल के बाद चाय-बागान देश की दूसरे नंबर का सबसे ज्यादा श्रम-शक्ति का इस्तेमाल करने वाला उद्योग है, जहां लाखों मजदूरों को गुज़ारे लायक वेतन तक से वंचित किया जा रहा है, जिसका नतीजा है भुखमरी से मौत, और ये भयावह हालत सिर्फ बंद चाय-बागानों तक ही सीमित नहीं है.