CPIML

Communist Party of India (Marxist-Leninit) Liberation

Web Page at: www.cpiml.org

Facebook at: https://www.facebook.com/CPIMLLiberation/

Red Salute to comrade Lakshmanbhai Patanwadia

Comrade Lakshmanbhai Patanwadia, a senior Communist leader from Gujarat, a member of CPI-ML State leading team and AICCTU Central Working Committee, passed away on 4th May 2021 at a hospital in Ahmedabad. Three days ago, he tested positive for Covid and was undergoing treatment at the hospital since then.

Comrade Patanwadia was a strong voice in Gujarat against communal fascism. His demise is an irreparable loss to the revolutionary people's movement and the trade union movement in Gujarat.

Long live Comrade Lakshmanbhai Patanwadia!

Tamil Nadu: Withdraw all Cases on Anti-Sterlite Protesters at Tuticorin

May Day 2021

AICCTU cadres observed May day throughout Tamil Nadu by hoisting flags in offices, factories and localities despite the code of conduct was in force in view of counting of votes on 2nd May. The state secretary of CPI ML also wrote a letter to the Chief Electoral Officer of the state to allow May day events without any hindrance. Other left parties also wrote similar letters in this connection.

झुग्गिवासियों को उजाड़ने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ दिल्ली के वजीरपुर में चेतावनी भूख हड़ताल

पुनर्वास के बिना कोई बेदखली नहीं की घोषणा के साथ भाकपा-माले ने 48 हजार झुग्गियों को तोड़े जाने के हालिया निर्णय के खिलाफ 14 सितंबर 2020 से 48 घंटे की भूख हड़ताल शुरु की जिसमें पार्टी राज्य सचिव रवि राय के साथ शकुंतला देवी, सीता देवी, रामेश्वरी देवी, लरजरी देवी और सीता देवी (वजीरपुर झुग्गी निवासी पांच महिलाएं) भी शामिल हुईं.

देशव्यापी प्रतिरोध दिवस औरंगाबाद और विशाखापट्टनम में लॉक-डाउन जनित जनसंहार के विरुद्ध

हत्यारे अनुपस्थित

इसलिए आप इसे हत्या न कहें

रोटियाँ उपस्थित हैं

इसलिए इन्हें भूखा न कहें

जिसे आप हत्या कह रहे हैं, हत्यारे वहाँ अनुपस्थित हैं

जिसे आप भूखा कह रहे हैं

रोटियाँ वहाँ उपस्थित हैं

इसलिए यह हत्या नहीं

महज एक दुर्घटना आप इसे एक चेतावनी

कि बगैर हत्यारों के उपस्थित हो सकती हैं हत्याएं...!!

-रवि प्रकाश

संविधन बचाओ, नागरिकता बचाओ, लोकतंत्र बचाओ! सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध् करो!

भाजपा सरकार ने दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून पास कर दिया. पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है. लोगों ने सही समझा है कि नागरिकता कानून संविधान के खिलाफ है और सांप्रदायिक है. इसके साथ जब एनआरसी भी मिल जायेगा तो यह मुसलमान नागरिकों को ‘‘घुसपैठिया’’ और बाकी नागरिकों को ‘‘शरणार्थी’’ में तबदील कर देगा.

कश्मीर से लौटे मजदूरों की व्यथा पर परिचर्चा का आयोजनः धारा 370 का खात्मा: बिहार के मजदूरों की रोजी-रोटी पर हमला

मुझे जानकारी थी कि पूरे बिहार की ही तरह पश्चिम चंपारण से गरीब-गुरबे रोजी-रोटी की तलाश में बाहर काम करने जाते हैं - बल्कि यहां से कुछ ज्यादा ही लोग जाते हैं. लेकिन यह पता नहीं था कि कश्मीर उनका पसंदीदा राज्य है. पूरे भरोसे व सम्मान के साथ वहां उन्हें काम करने का मौका मिलता है. बाहर से काम करने आए मजदूरों के साथ मेहमान की तरह स्थानीय लोगों का व्यवहार होता है. धारा 370 के खात्मे के बाद चंपारण के गांव की बहसों में गरीब-गुरबे सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनके खून-पसीने की कमाई के करोड़ों रुपये वहां बकाया रह गए.

मोदी राज के पांच साल पुलवामा के नाम पर समाज में सांप्रदायिक नफरत और हिंसा फैलाने की घिनौनी चालों को नाकाम करें! ‘‘मोदी हटाओ - रोजी-रोटी, अधिकार बचाओ’’! ‘‘मोदी हटाओ - लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ’’! जन संघर्षों के मुद्दों को बुलंद करो!

(ऐक्टू के ‘‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’’ अभियान (1 मार्च-31 मार्च) के माध्यम से देश के मेहनतकश अवाम के बीच ले जाया गया संदेश.)

लोकसभा चुनाव 2019 की उलटी गिनती शुरू हो गई है. मोदी सरकार के पांच साल का शासनकाल लूट, झूठ, बांटो और मेहनतकशों के जीवन में तबाही मचाने वाला राज साबित हुआ. अपने अंतिम बजट में भी मोदी सरकार ने मेहनतकशों और आम अवाम के सवालों को ठुकरा दिया, सिवाय कुछ झुनझुने पकड़ाने के.

पुलवामा को मोदी के सत्ता के खेल का मोहरा न बनने दें! नफरत और जंगखोरी के संघी अभियान का प्रतिरोध करें!

जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के रक्षक-दल पर उस भयावह हमले के बाद समूचा देश पुलवामा त्रासदी और उसके बाद की घटनाओं से उबरने की कोशिश अभी भी कर रहा है. इस हमले में मृतकों की संख्या 50 के करीब पहुंच चुकी है, और कई जवान अपने गंभीर जख्मों से अभी तक जूझ रहे हैं. इस हमले का दुस्साहस - लगभग तीन सौ किलोग्राम विस्फोटकों से लदी एक कार 78 वाहनों के रक्षा दल का रास्ता काट कर सीआरपीएफ जवानों से भरी एक बस से जा टकराती है - और, इस त्रासदी का बड़ा पैमाना जिसने आज तक के इतिहास में इस घाटी में सबसे ज्यादा सुरक्षा बलों की जान ली है, सचमुच सर चकराने वाला है.

मोदी के भारत में मार्क्स की 200वीं जन्मवार्षिकी: मार्क्स के विचार प्रतिरोध के हथियार हैं

हम मार्क्स के जन्म की द्विशतवार्षिकी मना रहे हैं. एक ऐसे समय, जब संघ ब्रिगेड ने लोकतंत्र पर जहरीला हमला कर दिया है और वह समूचे देश और समाज पर संघ की विचारधारा को जबरदस्ती थोप देने की कोशिश कर रहा है, तब मार्क्स की 200वीं जन्मवार्षिकी हमें मार्क्स के क्रांतिकारी विचारों को व्यापक रूप से प्रसारित करने और उन पर चर्चा करने तथा लोकतंत्र, आजादी और बराबरी के लिये एक सशक्त संग्राम छेड़ देने का हमें बहुत बड़ा मौका दे रही है.