Coal Sector

Coal Mines Workers Union (CMWU)

Modi’s Coal Policy is Solely Responsible for Coal Crisis

The present coal crisis, which has pushed the thermal power plants to the verge of closure in many states, is another addition to the list of devastating outcomes of the Modi government’s policies over the last more than seven years. Mid-night demonetisation, GST, sudden and unplanned cruel lockdown, handling of Covid-19, NMP and continuous, daily shocks of hikes in fuel prices, to name a few in the series of Modi’s policy decisions which have plunged the nation and its common people in a crisis and devastated people’s lives and livelihoods for the profits of his crony friends.

Coal: Charter of Demands by AICCTU - CMWU

[Charter of Demands Submitted by Coal Mines Workers Union (CMWU), affiliated to AICCTU, to the Ministry of Coal on 23 June 2021 for Wage Agreement in Coal Industry (NCWA-11)]

Orientation

In view of the CIL’s plan of large scale and systematic retrenchment of coal workers, we consider that a big question mark has been put before the very purpose of wage negotiation and wage agreement. Therefore, we demand that the process of privatization of coal industry and retrenchment of workers must be stopped immediately.

Representation

गुनुपुर खदान दुर्घटना में मारे गए मजदूरों को न्याय के लिये संघर्ष

गुनुपूर (उड़ीसा) के निकट 20 अक्टूबर को हुई खदान दुर्घटना में 3 मजदूर मारे गए. ऐक्टू के राज्य उपाध्यक्ष और भाकपा-माले नेता तिरूपति गोमांगो ने इस मामले को तत्काल उठाते हुए जांच की मांग की. सब-कलेक्टर और डीएम घटना स्थल पर पहंचे, और उन्होंने पाया कि ये मजदूर खदान विस्फोट में मारे गए और यहां कार्यरत मजदूरों को कोई सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी. इस अवैध खनन को बंद करने, ठेकेदारों की गिरफ्तारी और मारे गए हर मजदूर के परिवार वालों को 10 लाख और घायल मजदूरों को 50,000 रूपये का मुआवजा देने और जिम्मदार अधिकारियों के निलंबन की मांगे ऐक्टू ने उठाईं.

कोयला मजदूरों की ऐतिहासिक हड़ताल

कोयला उद्योग में मोदी सरकार द्वारा 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश), कमर्शियल माइनिंग को इजाजत देने और कोल इंडिया लि. (सीआईएल) के विखंडन के विरोध में और कुछ अन्य आनुषंगिक मांगों पर 24 सितंबर 2019 की एक दिवसीय मजदूर हड़ताल वास्तव में ऐतिहासिक थी. ऐक्टू से सम्बद्ध कोल माइन्स वर्कर्स यूनियन के साथ सीटू, एटक, इंटक और एचएमएस से सम्बद्ध कोयला मजदूर यूनियनों, यानी 5 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, की संयुक्त स्ट्राइक नोटिस पर 24 सितंबर 2019 को कोयला उद्योग की सभी सब्सिडियरियों में एक दिवसीय हड़ताल आहूत की गई थी.

कोयला श्रमिकों का कन्वेंशनः 24 सितंबर को एक दिन की हड़ताल का आह्वान

पांच लाख से अधिक कोयला मजदूरों का प्रतिनिधित्व कर रहीं ऐक्टू, सीटू, एटक, इंटक और एचएमएस से सम्बद्ध कोयला मजदूर यूनियनों ने 5 सितंबर को रांची में सीसीएल के सीएमपीडीआई हॉल में कांवेंशन आयोजित किया. ईसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल, एसईसीएल से सैकड़ों कोयला मजदूर कन्वेंशन में शामिल हुए. कोयला उद्योग में 100 प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश के विरोध में कोयला मजदूरों की एक निर्णायक लड़ाई की तैयारी के लिए यह कन्वेंशन आयोजित था. कन्वेंशन ने कोयला मजदूरों के आंदोलन का आगे बढ़ाने की दिशा में 24 सितम्बर 2019 को एक दिन की हड़ताल सफल बनाने का आह्वान किया.

कोयला क्षेत्र बीसीसीएल में असंगठित मजदूरों का प्रदर्शन

झारखंड जनरल मजदूर यूनियन के बैनर तले 8 जुलाई को 6-सूत्री मांगों के साथ कोयला क्षेत्र बीसीसीएल एरिया-12 के लायकडीह कैम्प कार्यालय पर एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया जिसमें सद्भाव आउटसोर्सिंग कंपनी के मजदूर बड़ी संख्या में शामिल थे.

कोयला मजदूरों का प्रतिवाद मार्च

‘रोजगार दो, नहीं तो कोयला ढोने का अधिकार दो’ के नारे के साथ भाकपा-माले और ऐक्टू ने कोयला ढोने वाले मजदूरों पर बढ़ते पुलिसिया अत्याचार के खिलाफ 19 फरवरी को जमुआ में प्रतिवाद मार्च निकाला और थाने के समक्ष प्रदर्शन किया. बैलगाड़ियों के काफिले के साथ सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रतिवाद मार्च निकाल थाने के समक्ष पहुंचे जहां सभा आयोजित की गई. कार्यक्रम की अगुवाई भाकपा-माले विधायक राजकुमार यादव, गांडेय वि. स. क्षेत्र के नेता राजेश यादव, जमुआ वि. स. क्षेत्र के नेता अशोक पासवान, आदि ने किया.

सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन

सीसीएल प्रबंधन के इशारे पर कोल माफियाओं द्वारा मजदूरों को रोजगार एवं मजदूरी से वंचित रखने के खिलाफ सिरका महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दुर्गा मंडप में 25 जनवरी को सैंकड़ों मजदूरों ने ऐक्टू और भाकपा-माले के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की अगुवाई भुनेश्वर बेदिया, पचु राणा, सोहराय किस्कू, जयनंदन गोप, धनेलाल बेदिया, देवकीनंदन बेदिया, लाली बेदिया एवं बसी खान ने की.

धनबाद जिला के ईसीएल मुगमा एरिया में अवैध माइनिंग में 23 जनवरी को घटी दुर्घटना-एक जांच रिर्पोट

धनबाद जिला के निरसा थाना क्षेत्र ईसीएल मुगमा एरिया के कापासारा आउटसोर्सिंग के पास अवैध माइनिंग में 23 जनवरी को दुर्घटना में करीब 40 लोगों की मौत हुई है. 23 जनवरी को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर अचानक बड़े पैमाने पर चाल धसने के कारण सभी 40 मजदूर दब गए. दुर्घटना के बाद जिला प्रशासन सुबह 9 बजे के बाद पहुंचा. इसके बाद, ईसीएल प्रबंधन पहुंचा, और सिर्फ एक लाश को निकालकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया जबकि तीन और मृत व्यक्तियों का नाम अखबारों में आया और उनके परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया. स्थानीय लोग खुद से मलबे को हटा रहे थे और लोगों को निकाल रहे थे.

कोयला लोडिंग मजदूरों का लाठी मार्च

रामगढ़ जिला में सीसीएल के अंतर्गत सिरका लोकल सेल में हाथ से कोयला लोडिंग बंद कर दिये जाने और पेलोडर से कोयला लोड की शुरूआत के विरोध में 500 लोडिंग मजदूरों ने 5 अक्टूबर को सिरका परियोजना पदाधिकारी के समक्ष आक्रोशपूर्ण लाठी मार्च किया और मजदूरों की मजदूरी की लूट तथा मजदूरों को बेरोजगार बनाने के खिलाफ आवाज उठाई.