‘आईटी मैनेजर चयनित अभ्यर्थी संघ’ के बैनर तले पटना में प्रदर्शन 

बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी (बीपीएसीएम) द्वारा नवंबर 2017 के रद्द पैनल में शेष बचे लगभग 114 चयनित आईटी मैनेजर अभ्यर्थियों को भारत सरकार के 10 प्रतिशत नए आरक्षण नियमों, जैसे - रोस्टर के तहत पूर्व के आवेदन पर नियोजन की गारन्टी करने, भारत सरकार के 31 जनवरी के निर्देशानुसार रद्द पैनल को तत्काल पुनर्गठित (रिकास्ट) किये जाने और वर्षों से नियोजन का इंतज़ार कर रहे सभी कोटि के आईटी मैनेजर अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिये नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर नहीं करने तथा नई चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांगों को लेकर 26 जून ’19 को आईटी मैनेजर चयनित अभ्यर्थी संघ, छात्र संगठन आइसा और इंक़लाबी नौजवान सभा के बैनर तले पटना के कारगिल चौक पर प्रदर्शन का आयोजन हुआ और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव के नाम जिलाधिकारी, पटना को मांगपत्र सौंपा गया.

ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, आईटी मैनेजर चयनित अभ्यर्थी संघ के संयोजक संजीव कुमार, सह संयोजक मयंक आनन्द, आइसा प्रदेश अध्यक्ष मोख्तार, पटना कालेज की काउंसिलर सह आइसा नेत्री प्राची आदि नेताओं ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया और सम्बोधित किया. वक्ताओं ने नीतीश सरकार पर सामाजिक न्याय और ‘सबका साथ, सबका विकास’ का ढोंग रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश-भाजपा सरकार द्वारा 10 प्रतिशत नए आरक्षण नियमों को बिहार में गलत तरीके से लागू करने की वजह से बीपीएसएम में वर्षों से नियोजन का इंतज़ार कर रहे चयनित आईटी मैनेजर अभ्यर्थी, जिनमें जनरल से लेकर ओबीसी, एससी आदि सभी कोटि के चयनित अभ्यर्थी शामिल हैं, को पूरी तरह बाहर किया जा रहा है.

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो आने वाले विधानसभा सत्र में आईटी मैनेजर चयनित अभ्यर्थी संघ और आइसा विधानसभा के समक्ष भूख हड़ताल आंदोलन चलायेगा.

दूसरी तरफ, दो साल से आंदोलनरत कम्प्यूटर शिक्षकों के पटना में 27 जून, ’19 को आयोजित प्रदर्शन पर पुलिस बल द्वारा बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया. महासंघ (गोप गुट) और ऐक्टू ने सरकार की इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से कम्प्यूटर शिक्षकों को राज्य के छात्र-छात्राओं के हित को ध्यान में रखते हुए सेवा में अविलम्ब समायोजित करने की मांग की. ु