पटना में निर्माण मजदूरों का मुख्यमंत्री के समक्ष राज्यस्तरीय प्रदर्शन

ऐक्टू से संबद्ध बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के आह्वान पर 28 नवंबर 2019 को राज्य भर के हजारों निर्माण मजदूरों ने केंद्र सरकार से जुड़ी राष्ट्रीय मांगों, तथा सामाजिक सुरक्षा सहित लाभ की सभी योजनाओं को स्थानीय स्तर पर लागू करने में श्रम अधिकारियों के मनमाने रवैए पर रोक लगाने व जानबूझकर पैदा की गई जटिलताओं को दूर करने जैसी मांगों पर पटना में मुख्यमंत्री के समक्ष रोषपूर्ण  राज्य-स्तरीय प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन स्थानीय गेट पब्लिक लाइब्रेरी गर्दनीबाग से यूनियन राज्य अध्यक्ष एसके शर्मा, महासचिव आरएन ठाकुर, ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, यूनियन राज्य सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह, कमलेश कुमार, मुकेश मुक्त व राज्य उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, संगीता देवी आदि नेताओं के नेतृत्व में निकला.

प्रदर्शन के माध्यम से मोदी सरकार द्वारा लाए गए 4 श्रम कोडों को रद्द करने, निर्माण मजदूरों के लिये राज्यों के कल्याण बोर्ड में जमा अरबो-खरबों की राशि को पूंजिपतियों के हवाले करने-हड़पने की साजिश रचना बन्द करने, निर्माण मजदूरों के लिये 1996 में बने केंद्रीय कल्याणकारी कानून के तहत राष्ट्रीय स्तर पर योजना में समरुपता लाने हेतु समान आदर्श राष्ट्रीय नियमावली बनाने, 21 हजार न्यूनतम मासिक मजदूरी व 3 हजार मासिक न्यूनतम पेंशन लागू करने, जिलों में श्रम अधिकारियों के मनमाने रवैये पर रोक लगाते हुए योजना को पारदर्शी ढंग से लागू करने खासकर प्रखंडो में कैम्प लगाकर निबंधन व सदस्यता नवीकरण करने, अनुदान लाभ देने सहित मांगों को उठाया गया तथा इसी आशय का 19 सूत्री मांग-पत्र श्रम मंत्री को ज्ञापित किया गया.

बाद में प्रदर्शन गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचा जहां यूनियन अध्यक्ष एसके शर्मा की अध्यक्षता में हुई सभा को उक्त नेताओं के अलावे महासंघ-गोप गुट के सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद, ऐक्टू राज्य अध्यक्ष श्यामलाल प्रसाद, बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ महासचिव सरोज चौबे सहित जिलों से आए निर्माण मजदूर यूनियन के नेताओं ने संबोधित किया.

नेताओं ने राष्ट्रीय मांगों को उठाते हुए और मोदी सरकार द्वारा निर्माण मजदूरों के लिये बनी इस योजना को समाप्त कर देने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए, खासकर राज्य की नीतीश सरकार पर निर्माण मजदूरों के लिये राज्य कल्याण बोर्ड में जमा 1300 करोड़ रूपया को निबंधित निर्माण मजदूरों के बीच वितरित नहीं करने का गम्भीर आरोप लगाया और इसे लड़कर हासिल करने का आह्वान किया. नेताओं ने नीतीश कुमार और श्रम मंत्री से राज्य के लाखों निर्माण मजदूरों, जो इस योजना में जुड़ने से वंचित हैं, को जोड़ने और जुड़े हुए निर्माण मजदूरों को लाभ देने, आदि के लिए  प्रखंडों में महीने में दो बार कैंप लगाकर योजना का काम संपन्न करने की जोरदार मांग उठायी. साथ ही मजदूर-विरोधी केंद्र की मोदी और राज्य की नीतीश सरकार के खिलाफ, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा घोषित आगामी 8 जनवरी की देशव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया. श्रम मंत्री के नाम ज्ञापन यूनियन नेताओं ने स्थानीय दंडाधिकारी को सुपुर्द किया.