अलविदा स्वामी अग्निवेश 

हम स्वामी अग्निवेश के गुजर जाने से शोकाकुल हैं. 

वे सामाजिक गुलामी और कट्टरता के विरुद्ध जीवन पर्यंत लड़ने वाले योद्धा थे और सभी प्रकार के जन आंदोलनों के साथी थे. वे बंधुआ मजदूरी के खिलाफ संघर्ष में एक प्रमुख योद्धा थे, और इसके लिये उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.

अग्निवेश जी ने आखिरी सांस तक घृणा अपराधों के खिलाफ संघर्ष किया. बहुत समय नहीं बीता, जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ हिंसा का सामना, उन्होंने बेहद शांत चित्त से किया, यह शांत चित्तता उनकी खासियत थी. उस समय भाजपा के एक मंत्री ने भीड़ हिंसा का समर्थन किया था. भाजपा उनके विरुद्ध सिर्फ इसलिए नहीं थी कि वे सांप्रदायिकता का शिद्दत से विरोध कर रहे थे बल्कि इसलिए भी उनके विरुद्ध थी क्यूंकि वे भगवा वस्त्र धारण करके दमित-उत्पीड़ितों के अधिकारों और समानता की बात करते थे. उन्होंने भगवा वस्त्रों को हिंसक कट्टरता का प्रतीक बनाने की भाजपा की कोशिशों को सिरे से नकार दिया. 

उनका साहस, उनकी दृढ़ता और संघर्षशीलता, सांप्रदायिक फासीवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी. 

 “कमाने वाला खाएगा, लूटने वाला जाएगा, नया जमाना आएगा”

- स्वामी अग्निवेश के इस प्रिय नारे के साथ हम उनको सलाम करते हैं.