हिन्दू राव समेत एमसीडी के अस्पतालों के संघर्षरत चिकित्सकों और कर्मचारियों को समर्थन

ऐक्टू व दिल्ली के विभिन्न ट्रेड यूनियन संगठनों ने 26 अक्टूबर को एमसीडी (दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन) हिन्दू राव अस्पताल के भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों व अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन-स्थल पर जाकर, अपनी एकजुटता जाहिर की. ऐक्टू से जुड़े विभिन्न क्षेत्र के मजदूर साथियों ने भी डॉक्टरों और एमसीडी कर्मचारियों के समर्थन में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन किया. ज्ञात हो कि ‘कोरोना योद्धा’ व ‘फ्रंटलाइन वर्कर’ के नाम पर केंद्र और दिल्ली सरकार की जारी भाषण-बाजी के बीच देश की राजधानी दिल्ली में कर्मचारियों और चिकित्सकों को चार महीने से वेतन तक नहीं दिया जा रहा है. दिल्ली के संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच ने डॉक्टरों और एमसीडी कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में दिल्ली सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा है.

‘कोरोना योद्धा’ बन गए हैं बिना पगार मजदूर 

लगातार अपनी जायज मांगों को उठाने के बावजूद भी न तो दिल्ली के मुख्यमंत्री और न ही केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली एमसीडी, वेतन भुगतान जैसी बुनियादी मांग पर कोई सकारात्मक कदम उठा रही है. दिल्ली में कर्मचारियों और मजदूरों के मुद्दे अकसर केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार के बीच नूरा-कुश्ती का शिकार हो जाते हैं. ये भर्त्सनीय है कि महामारी के समय भी कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले इन कर्मचारियों और चिकित्सकों को देश की राजधानी में चार माह से वेतन तक नहीं दिया जा रहा. वेतन व अन्य मांगों को लेकर हिन्दू राव अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक पिछले कुछ दिनों से भूख-हड़ताल पर बैठे हुए हैं. कर्मचारी भी वेतन की मांग के साथ लगातार अस्पताल परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं.

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने साफ तौर पर कहा कि ‘फूल बरसाने’ कि राजनीति करने वाले ये भूल गए हैं कि बिना वेतन कोई भी काम नहीं कर सकता. सरकार पहले भी अस्पताल कर्मचारियों को पर्याप्त मात्र में ‘पीपीई किट’ नहीं दे पायी थी जिसके कारण कई कर्मचारी ‘कोविड संक्रमण’ का शिकार हो गए थे, अब हमें वेतन तक नहीं दिया जा रहा.

आन्दोलनकारी चिकित्सकों और कर्मचारियों को ऐक्टू के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष संतोष रॉय, सीटू के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र गौड़ व हिन्द मजदूर सभा के दिल्ली राज्य अध्यक्ष राजेंदर ने संबोधित किया. दिल्ली के ट्रेड यूनियन संगठनों ने पहले भी वेतन भुगतान की मांग को लेकर दिल्ली सरकार को संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपा है. अपने संबोधन में संतोष राय ने कहा कि, “आज देश के गृह मंत्री से लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री तक निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं, ये सरकार द्वारा आम जनता के लिए बने अस्पतालों और संस्थानों की लगातार अनदेखी का प्रमाण है. एमसीडी के कर्मचारी आए दिन वेतन भुगतान, ठेका कर्मचारियों के स्थायीकरण इत्यादि मांगों को लेकर आन्दोलनरत रहते हैं. देश की राजधानी में डॉक्टरों को वेतन का भुगतान नहीं होना, केंद्र और दिल्ली सरकार की नाकामी साफ तौर पर दर्शाते हैं. केंद्र और दिल्ली सरकार की आपसी खींचतान के बीच मजदूरों से लेकर शिक्षकों और डॉक्टरों तक के अधिकारों को दबाना नहीं चल सकता. वेतन भुगतान जैसे बुनियादी अधिकार को भी सुनिश्चित नहीं कर पाना आपराधिक कृत्य है.” उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के अन्दर सक्रिय तमाम ट्रेड यूनियनें, केंद्र और दिल्ली की सरकारों से ये मांग करते हैं कि चिकित्सकों और कर्मचारियों के बकाया वेतन का अविलम्ब भुगतान हो और अन्य मांगों को भी तुरंत पूरा किया जाए.

- अभिषेक