कामरेड राधामोहन सिंह

भाकपा-माले की धनबाद जिला स्थायी समिति के सदस्य का. राधामोहन सिंह का 17 सितम्बर 2017 को हार्ट अटैक से जालान अस्पताल में निधन हो गया. उनकी उम्र 50 वर्ष थी. कामरेड राधामोहन के दोनों पैरों में लकवा मार गया था और वे व्हील चेयर से ही आना जाना करते थे मगर फिर भी पार्टी के कामकाज के लिये प्रतिदिन 5-10 किलोमीटर घूमना उनका रोज का नियम था. कभी-कभी तो वे धनबाद से निरसा तक करीब 40 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी साइकिल रिक्शा से तय कर लेते थे. उन्होंने अपनी शारीरिक अक्षमता को अपने पार्टी कामकाज में कभी रुकावट नहीं बनने दिया. वे पार्टी कार्यक्रमों, ट्रेड यूनियन कामकाज, जनांदोलन सभी कामों में बहुत सक्रिय रहते थे और हर कार्यक्रम में मौजूद रहते थे. 1998 में एक बार धनबाद शहर के एक नौजवान कामरेड को झूठे केस में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तो कोई सक्षम कामरेड मौजूद न रहने पर का. राधामोहन ने अकेले जाकर थानेदार से मिलकर गिरफ्तारी का विरोध किया और उसी दिन शाम को प्रतिवाद मार्च निकाला था. उनका जन्म धनबाद में ही बीसीसीएल के श्रमिक परिवार में हुआ था. उन्होंने बी. कॉम तक पढ़ाई की थी. वे कोयला मजदूरो के बीच एक लोकप्रिय नेता थे और सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती थी. वे 1984 में भाकपा-माले से जुड़े और आजीवन पार्टी और जनता के लिए समर्पित रहे. वे नौजवान कामरेडों के लिये प्रेरणा का स्रोत थे. उनका चले जाना पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है.

का. राधामोहन सिंह को लाल सलाम!