एल एंड टी, पुडुचेरी के छंटनीग्रस्त मजदूरों का संघर्ष जारी है

एल एंड टी (लारसन एंड टुब्रो लि.), पुडुचेरी के 157 छंटनीग्रस्त मजदूरों ने अपने संघर्ष को जारी रखते हुए 9 जुलाई को अपने परिवारों के सदस्यों के साथ मिलकर विशाल जुलूस निकाला और विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के माध्यम से उन्होंने सेवा की निरंतरता एवं तमाम लाभों की अदायगी के साथ पुनर्बहाली की मांग उठाई. कई छंटनीग्रस्त मजदूर ऐसे भी हैं जो लगातार 10 वर्षों से कंपनी में कार्यरत हैं.

जुलूस की शुरूआत यहां की 150 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक स्वदेशी कॉटन मिल (करीब 80 वर्ष पहले फ्रांसीसी शासकों के समय इस मिल के मजदूरों ने 8 घंटे के कार्यदिवस का संघर्ष चलाया था जिसमें 13 मजदूर शहीद हुए थे) से हुई और वह मुख्य मार्गों से गुजरते हुए विधानसभा पहुंचा.

जुलूस का नेतृत्व ऐक्टू के राज्य सचिव एस. पुरूशोथमन ने किया. प्रदर्शन को ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस. बालासुब्रामनियन, राज्य उपाध्यक्ष एस. मोतीलाल, एआईसीडब्लूएफ के नेता पी. मुरूगन और एल एंड टी की मजदूर यूनियन के सचिव एस. भासकरन ने संबोधित किया.

अंत में एस. बालासुब्रामनियन की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रम मंत्री से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा जिसके जवाब में मंत्री ने त्रिपक्षीय वार्ता बुलाने का आश्वासन दिया. ज्ञापन में उठाई गई अन्य मांगो में एल एंड टी में जारी ठेका प्रथा को समाप्त करने, समान काम के लिये समान वेतन देने, न्यूनतम मजदूरी को सख्ती से लागू करने समेत ओवरटाईम के लिये मजदूरी दोगुनी करने, आदि मांगें शामिल थीं.