ऐक्टू के नेतृत्व में बंगलौर जल आपूर्ति कर्मियों की जीत

ऐक्टू के नेतृत्व में बंगलौर जल आपूर्ति (बीडब्लूएसएसबी) के सैकड़ों कर्मियों ने श्रमायुक्त कार्यालय के समक्ष 13 अगस्त को जुझारू प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन धरने पर जाने की चेतावनी दी जिससे बंगलौर में जल आपूर्ति प्रभावित होनी शुरू हो गई. प्रदर्शनकारी मजदूर  

मासिक न्यूनतम मजदूरी के बतौर 15,121रू., बोनस और समान काम के लिये समान वेतन की मांग कर रहे थे. श्रम कार्यालय द्वारा 17 अगस्त को वार्ता करने के लिये नोटिस जारी किया गया जिसे मजदूरों ने नकार दिया और तत्काल वार्ता की मांग की जिसके दबाव में वार्ता का दिन 14 अगस्त तय किया गया.

इस आंदोलन को मीडिया में जबरदस्त कवरेज मिला और मीडिया ने लोगों को आने वाले दिनों में पानी की भारी किल्लत की चेतावनी दे दी, जिसका दवाब प्रशासन पर पड़ा. 13 अगस्त को पूरा दिन और पूरी रात मजदूर श्रमायुक्त कार्यालय के सामने ऐक्टू नेताओं मेत्रेयी कृष्णन, क्लिफ्टन रोजारियो आदि की अगुवाई में जमे रहे.

अंततः, श्रमायुक्त की मौजूदगी में त्रिपक्षीय वार्ता हुई और समझौता हुआ. समझौते में निम्नलिखित मांगें मानी गईंः इसी माह के भीतर मजदूरों को पुनरीक्षित मजदूरी मिलेगी; वाटर सप्लाई बोर्ड के समक्ष 5 अगस्त से देय एरियर्स और बोनस के सवालों को रखा जायेगा; सभी एसटीपी मजदूरों को सीवरेज मजदूरों का दर्जा दिया जायेगा एवं 15,121रू. मासिक मजदूरी दी जायेगी; और श्रमायुक्त समान काम के लिये समान वेतन पर कार्यवाही की शुरूआत करेंगे.