एआईसीडब्लूएफ के आहृान पर 5 सितंबर को हुए निर्माण मजदूरों के देशव्यापी प्रदर्शन

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों को खत्म करने, कल्याण बोर्ड कोष की राशि को हड़पने व कॉरपोरेटों के हवाले करने तथा जीएसटी के नाम पर कल्याण कोष के लिये सेस वसूली पर रोक लगाने की साजिश के खिलाफ और निर्माण मज़दूरों के लिये 1996 में बने कानून के तहत राज्यों में बनी नियमावली व कल्याण योजनाओं को पूरे देश में समान रूप से लागू करने, बालू मज़दूरों को निर्माण मजदूर की श्रेणी में शामिल करने, मजदूरों को शहरों में आवासीय कालोनी देने तथा गाँवों में आवासीय जमीन का पट्टा देने, कई राज्यों में बंद हो चुके अनुदान वितरण व निबंधन को फिर चालू करने, मृत्यु हित लाभ अनुदान मुहैया कराने, पारिवारिक पेंशन चालू करने तथा सभी राज्य सरकारों द्वारा निर्माण मज़दूरों के कल्याण बोर्ड कोष में बजट से राशि उपलब्ध कराने सहित अन्य मांगों पर ऑल इंडिया कन्स्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन (एआईसीडब्लूएफ) के आहृान पर 5 सितंबर को निर्माण मजदूरों के देशव्यापी प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों के माध्यम से केंद्रीय श्रम मंत्री को मांगपत्र भेजे गये.

बिहारः ऐक्टू से सम्बद्ध ‘बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन’ के नेतृत्व में सैकड़ों मजदूरों ने मोदी व नीतीश सरकार के खिलाफ जोरदार नारा लगाते हुए इस दिन पटना के गेट पब्लिक लाइब्रेरी से गर्दनीबाग धरना स्थल तक मार्च निकाला. यह जुलूस/प्रदर्शन बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर निकाला गया, और केंद्रीय श्रम मंत्री तथा बिहार सरकार के श्रम मंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर 16 सूत्री मांगों को पूरा करने के लिये दबाव बनाया गया. न्यूनतम मजदूरी 22000 रु. मासिक मजदूरी घोषित करो, न्यूनतम मजदूरी का 50 प्रतिशत बुढ़ापा पेंशन दो समेत मांगें उठाई गईं.

पटना में इस कार्यक्रम का नेतृत्व ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, राज्य सचिव कमलेश कुमार, राज्य परिषद सदस्य श्याम प्रसाद साव, पप्पू शर्मा, शिवपूजन यादव, मुमताज आदि ने किया. भागलपुर में सैकड़ों मजदूरों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया जिन्होंने नारे लगाते हुए शहर में जुलूस निकाला, जो कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचा. जुलूस-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एआईसीडब्लूएफ के राष्ट्रीय महासचिव एस.के. शर्मा और बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन व ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने मजदूरों की सभा को संबोधित किया. प्रदर्शन को अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के जिला अध्यक्ष विष्णु कुमार मंडल व भाकपा-माले के जिला सचिव बिंदेश्वरी मंडल ने भी संबोधित किया.

झारखंडः राज्य की राजधानी रांची में ऐक्टू से सम्बद्ध ‘झारखण्ड निर्माण मजदूर यूनियन’ से जुड़े सैकड़ों मजदूरों ने राजभवन के समक्ष धरना दिया. धरना कार्यक्रम के माध्यम से राज्यपाल के पास केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री को संबोधित 13-सूत्री मांग पत्र सौंपा गया, जिसमें झारखण्ड सरकार द्वारा विधान सभा में पारित श्रम कानूनों में मालिक पक्षीय संशोधनों को रद्द करने और झारखण्ड की 980 ट्रेड यूनियनों की मान्यता बहाल करने की मांगें भी शामिल थीं.

धरने को ऐक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेन्दु सेन और निर्माण मजदूर यूनियन के महासचिव भुवनेश्वर केवट के अलावा इलिसबा एक्का, राजेदव महतो, अलमा खलखो, क्रिस्टीना, नरसिम्हा उराँव आदि ने सम्बोधित किया. रामगढ़ में झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन एवं झारखंड जनरल मजदूर यूनियन के नेतृत्व में सैकड़ों महिला व पुरुष मजदूरों की भागीदारी के साथ जनरल मजदूर यूनियन के अध्यक्ष लक्ष्मण बेदिया और झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन के अध्यक्ष भुनेश्वर बेदिया, संयोजक लालमोहन मुंडा, सरयू बेदिया, कामेश्वर महतो के नेतृत्व में एक मार्च निकाला गया. मार्च में ऐपवा की जिला सचिव नीता बेदिया, आदि नेता, झारखंड ग्रामीण मजदूर सभा, रामगढ जिला के अध्यक्ष देवकी नंदन बेदिया, नरेश बडाईक शामिल थे. झारखंड सरकार, रांची के नाम पर श्रम अधीक्षक, रामगढ़ को मांग पत्र समर्पित किया गया.

राजस्थानः यहां सलूंबर उपखंड कार्यालय पर रैली एवं प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भागीदारी रही. इस प्रदर्शन के माध्यम से मांगों का एक ज्ञापन केंद्रीय श्रम मंत्री एवं श्रम मंत्री, राजस्थान सरकार को उपखंड अधिकारी के माध्यम से दिया गया. रैली सेलिंग तालाब से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य बाजार से होते हुए बस स्टेशन पर पहुंची, जिसे संगठन के नेताओं सौरभ नरूका, चंद्रदेव ओला, शंकर मीणा, आदि ने सम्बोधित किया.

गुजरातः यहां ‘ऑल गुजरात जाहेर बांधकाम मजूर मंडल’ की ओर से राज्य के निर्माण मजदूरों की हड़ताल का आहृान किया गया था. सैकड़ों मजदूरों ने हड़ताल में शामिल होकर बांधकाम (निर्माण) बोर्ड कार्यालय, अहमदाबाद के समक्ष महापड़ाव का कार्यक्रम किया, जिसे एआईसीडब्लूएफ के राष्ट्रीय सचिव दशरथ सिंहाली, मजूर मंडल के उपाध्यक्ष जीवाजी डामोर, सचिव भवानभाई पगी, आदि ने संबोधित किया. महापड़ाव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया. बाद में केंद्रीय श्रमायुक्त को संबोधित ज्ञापन निर्माण बोर्ड के चेयरमैन को दिया गया.

पुडुचेरीः यहां निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के समक्ष प्रदर्शन आयोजित किया गया जिसका नेतृत्व एआईसीडब्लूएफ की कार्यसमिति सदस्य पी. मुरूगन ने किया. प्रदर्शन को ऐक्टू उपाध्यक्ष एवं एआईसीडब्लूएफ के अध्यक्ष एस. बलासुब्रामनियन, ऐक्टू राज्य सचिव पुरूषोथमन और राज्य कमेटी सदस्य पलानी ने संबोधित किया. प्रदर्शनकारियों ने गौरी लंकेश को श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रदर्शन के अंत में केंद्रीय श्रम मंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया गया.

प.बंगालः हजारों निर्माण मजदूरों की भागीदारी के साथ राज्य के 8 जिलों में प्रदर्शन कर डीम/डीएलसी कार्यालयों के माध्यम से ज्ञापन भेजे गये.

ओडिशाः यहां भुवनेश्वर में श्रम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन आयोजित किया गया जिसका नेतृत्व महेंद्र परिदा, राधाकांत सेठी, बंदु प्रधान आदि ने किया.

उ.प्र. यहां लखनऊ, कानपुर, उरई समेत कई जिलों में प्रदर्शन किया गया.

दिल्ली के दक्षिण, पूर्वी-उत्तर पूर्वी, पश्चिम एवं उत्तर पश्चिम जिलों के संयुक्त श्रम आयुक्त कार्यालयों पर प्रदर्शन आयोजित किए गए.  ु