ऑल इंडिया हेल्थ इम्प्लाइज एंड वर्कर्स कन्फेडरेशन द्वारा 50 घंटे का धरना और रैली का आयोजन

ऑल इंडिया हेल्थ इम्प्लाइज एंड वर्कर्स कन्फ़ेडरेशन के बैनर तले देशभर के स्वास्थ्य कर्मचारियों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने डा. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल, दिल्ली के बाहर 27 अगस्त से लगातार 50 घंटे का धरना आयोजित किया जिसमें हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र आदि राज्यों के अस्पतालों से भागीदारी हुई. धरने का समापन आरएमएल अस्पताल से लेकर गोल डाकखाने तक जुलूस निकालकर किया गया. धरने को ऐक्टू समेत कई दूसरे संगठनों का समर्थन मिला.
धरने से 10-सूत्री मांगपत्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को सौंपा गया. धरने से सरकार को चेतावनी दी गई कि अगर मांगें नहीं हल की गईं तो 29 अक्टूबर से 2 नवंबर तक स्वास्थ्य कर्मचारी 100 घंटे की भूख हड़ताल और फिर दिसंबर माह में हड़ताल पर जाएंगे.

धरने को कन्फेडरेशन के महासचिव रामकिशन समेत केंद्रीय नेताओं ने संबोधित किया. उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में जारी ठेकाकरण और आउटसोर्सिंग पर जोरदार हमला बोलते हुये कहा कि इससे एक ओर स्वास्थ्य सेवाएं गिरती जा रही हैं, तो दूसरी तरफ ये तमाम संस्थानों में भ्रष्टाचार व लूट का मुख्य औजार बन गये हैं. ठेकाकरण और निजीकरण को आम जनता की सुविधाओं की कीमत पर बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अपनी कटु प्रतिक्रिया व्यक्त की.

पचास घंटे लगातार चले इस धरने के माध्यम से उठाई गई मांगो में शामिल हैंः पेशेंट केयर अलाउंस नर्सिंग अलाउंस के बराबर दिया जाय, सभी ठेका कर्मचारियों को पक्का किया जाए और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण एवं आउटसोर्सिंग पर रोक लगाई जाय, स्वास्थ्य सेवाओं में 100 प्रतिशत अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियां की जाएं, सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाय, सभी श्रेणियों के कर्मचारियों का कैडर रिव्यु किया जाय, और पैरामेडिकल स्टाफ के लिये काउंसिल का गठन किया जाय.