भगवा गिरोह द्वारा चुनावी माहौल में राम मंदिर के मुद्दे को उभारने की साजिश को ध्वस्त करो मेहनतकश अवाम का साझा प्रतिरोध तेज करो

केन्द्र की मोदी सरकार, यूपी की योगी सरकार और दूसरे राज्यों की भाजपा सरकारों को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है. इनमें वे राज्य भी शामिल हैं जिनमें अभी चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में आरएसएस, भाजपा और अन्य भगवा ताकतों ने बौखलाहट में अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मुद्दा फिर से उठाया है. जनता के आक्रोश से बचने में राम मंदिर का मुद्दा उनका आखिरी आसरा है. साथ ही, मोदी, योगी और उनके सिपहसालार चुनावी सभाओं के माध्यम से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तेज करने का हर प्रयास कर रहे हैं

25 नवंबर को आरएसएस और शिव सेना ने अयोध्या में एक दूसरे से होड़ लेती हुई दो अलग-अलग रैलियां की. इन रैलियों में चुनावी समय में सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की पुरजोर कोशिश की गई.

यह विडंबना ही है कि शिव सेना का महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश और बिहार से आये मजदूरों के खिलाफ हिंसा फैलाने का इतिहास रहा है. भीड़ द्वारा हिंसा के कारण हाल ही में उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों को गुजरात से भागना पड़ा.   

नफरत के सौदागर ये ‘शिव सैनिक’ अंबानी द्वारा दिये गये हवाई जहाजों से अयोध्या पहुंचे. वहां योगी सरकार ने उनकी पूरी आवभगत की और गोदी मीडिया ने उनका पूरा प्रचार किया. इस सबके बाद भी अयोध्या की उनकी यात्रा को आम तौर पर उत्तर प्रदेश के लोगों का और खास तौर पर अयोध्या/फैजाबाद के लोगों का कोई समर्थन नहीं मिला.

ठीक दूसरी ओर, पूरे देश में मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ मजदूर, किसान, युवा और मेहनतकश अवाम के विभिन्न हिस्से सड़कों पर उतरे हुए हैं और वे मोदी राज को चुनौती दे रहे हैं. 29-30 नवंबर को देशभर के किसानों ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ राजधानी दिल्ली में धावा बोला और किसान मुक्ति मार्च के माध्यम से किसानों के सवालों पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. कुछ ही दिन पहले देशभर से मिड-डे मील कर्मियों ने संसद के सामने जोरदार दस्तक दी, सफाई कर्मियों ने जंतर मंतर पर राष्ट्रीय कन्वेंशन कर मोदी के स्वच्छ भारत के जुमले का पर्दाफाश किया और रेल समेत विभिन्न सेक्टरों के नए भर्ती कर्मचारियों ने नई पेंशन नीति के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल प्रदर्शन किया. साथ ही बिहार मे खेत मजदूरों और उनके देशभर से आए प्रतिनिधियों ने भाजपा भगाओ-गरीब बचाओ रैली कर मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया. विभिन्न राज्यों और सेक्टरों में मजदूरों के संघर्ष जारी है. जहां अभी हाल में बिहार और झारखंड में मिड-डे मील कर्मियों ने बड़ी-बड़ी हड़तालें और बहादुराना संघर्ष किए वहीं बिहार में समस्त आशा कर्मी 1 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं. अब आने वाले दिनों में यानी नए साल की 8-9 जनवरी को देशभर का मजदूर वर्ग और मेहनतकश अवाम दो दिन की आम हड़ताल में जा रहा है और देश का चक्का जाम करने जा रहा है.

आइए, देश के मेहनतकश अवाम के साझा प्रतिरोध और आपसी भाईचारा को और मजबूत करते हुए, हड़ताल को ऐतिहासिक ढंग से सफल बनाते हुए भारत को बांटने और तबाह करने की भगवा ताकतों की साजिश को ध्वस्त करें और सांप्रदायिक-फासीवादी मोदी राज को उखाड़ फेंकें.