संघर्ष के बलबूते आश्रितों को मिला मुआवजा और नौकरी

24 जनवरी 2019 को सिंदरी एसीसी सीमेंट फैक्ट्री में कार्यरत तीन मजदूर दब गये. उनमें से दो मजदूरों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई एवं एक मजदूर की मृत्यु धनबाद जालान अस्पताल में ईलाज के दौरान हुई. घटना उक्त तिथि को बी शिफ्ट में रात्रि लगभग 9 बजे हुई. मजदूरों का नाम था- गोपाल सिंह, अजित गोराई एवं निमाई मंडल. घटना की जानकारी फैक्ट्री में कार्यरत मजदूरों को दिये बगैर प्रबन्धन ने आनन-फानन में एम्बुलेंस के माध्यम से चोटिल मजदूरों को लेकर जालान अस्पताल में शिफ्ट करा दिया और खुद भाग गये. लेकिन घटना की सूचना आग की तरह फैल गयी. आसपास के गांवों से एवं परिजन फैक्ट्री के गेट के सामने प्रबन्धन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे.

सूचना मिलते ही ऐक्टू नेता सुभाष मंडल एवं सागर मंडल कई कार्यकर्ताओं को लेकर प्रदर्शन में शामिल हो गये. प्रदर्शन देख प्रबन्धन ने पुलिस को बुला लिया और पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी डटे रहे.

दुर्घटना का मुख्य कारण था- सीमेंट के निर्माण के दौरान मशीनों में अवशेष रह जाता है और उसकी सफाई मशीन से की जाती है, परन्तु कुछ दिनों से मैनुअल तरीके से कराया जाता रहा. सफाई करने के दौरान ऊपर में लदा सीमेंट बोरा तीनों मजदूरों के ऊपर गिर गया और वे उसमें दब गये. उक्त घटना प्रबन्धन की लापरवाही के कारण हुई.

देर रात ऐक्टू एवं अन्य यूनियनों और प्रबन्धन के बीच वार्ता हुई. अन्ततः मृतकों के आश्रितों को 13 लाख रूपये मुआवजा, एक आश्रित को नौकरी, दाह संस्कार के लिए 12 हजार रुपये देने पर सहमति बनी. उसके बाद ही पोस्टमार्टम करा कर शवों को उनके परिजनों को सौंपा गया.

वार्ता में ऐक्टू के कार्तिक प्रसाद हाड़ी, नकुलदेव सिंह, सुधीर महतो, सुभाष मंडल, सागर मंडल और कृष्णा प्रसाद मौजूद थे.