7 फरवरी 2019 को लाल किले से संसद मार्ग तक ’यंग इंडिया अधिकार मार्च’

छात्रों-युवाओं का मांगपत्र

मोदी सरकार के 5 वर्षीय कार्यकाल में हमने सार्वजनिक स्कूलों व उच्च शिक्षण संस्थानों की तबाही, शिक्षा के बजट में बेतहाशा कटौती और प्राइवेट शिक्षण संस्थानों (जियो यूनिवर्सिटी मॉडल) को लाभ पहुंचाने के लिए बेशर्मी से सत्ता का दुरुपयोग होते देखा है. दूसरी ओर बेरोजगारी की दर आसमान छू चुकी है. भारत में बेरोजगारी दर पिछले 20 वर्षों में सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है 82 प्रतिशत पुरुष और 92 प्रतिशत महिलाएं प्रतिमाह 10000रू. भी नहीं कमा पा रहे हैं. एक तरफ केंद्र के 24 लाख सरकारी पद रिक्त पड़े हुए हैं वहीं प्राइवेट सेक्टर का हाल भी खस्ताहाल है. मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया समेत तमाम योजनाएं फेल साबित हुई. स्किल इंडिया के तहत रोजगार प्रदान करने की रफ़्तार मात्र 0.19 प्रतिशत ही है जबकि इसके तहत 04 लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया था. ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट में भी यह बात दिखाती है कि 4 वर्ष में 35 लाख नौकरियां प्राइवेट सेक्टर की छीन ली गई है. इसमें 35 प्रतिशत नौकरियां लघु उद्योग की, 32प्रतिशत सूक्ष्म लघु उद्योग, 24प्रतिशत मध्यम लघु उद्योग की है. स्वरोजगार करने वालों के सामने भी काम बंद करने की नौबत आई है, इनमें दर्जी, नाई, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, मोची सब शामिल हैं. रोजगार के क्षेत्र में यह गिरावट जीएसटी और नोटबंदी लागू करने के बाद हुई है. एसएससी व रेलवे भर्ती बोर्ड समेत राज्य आयोग व बोर्डों के हाल ठीक दिखाई नहीं दिख रहे हैं. एसएससी के ऊपर पेपर लीक व भ्रष्टाचार के गहरे आरोप लगे हैं. रेलवे की परीक्षाओं का पर्चा लीक होना आम बात हो गई है. प्रदेशों के भी बोर्डो व आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में पेपर लीक होना व भ्रष्टाचार होना आम होता जा रहा है जिसके खिलाफ छात्रों ने लगातार प्रदर्शन किया है, लेकिन सरकार उस पर ध्यान नहीं दे रही है. नौकरियों के साथ साथ आरक्षण को भी खत्म कर देने की साजिश की जा रही है. विश्वविद्यालयों की नियुक्ति में 13 प्वाइंट रोस्टर व विभागों को यूनिट मानना नया व ज्वलंत उदाहरण है.

पिछले कुछ वर्षों में आप और हम मोदी सरकार की युवा विरोधी-छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं. अब हमने 2019 के आम चुनाव से पहले यंग इंडिया नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाकर लड़ाई को तेज करने का फैसला किया है, ताकि युवाओं की आवाज स्पष्ट और जोरदार तरीके से सुनायी जा सके.

हम मांग करते हैंः

2019 के चुनाव से पहले

  • सभी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती पूरी की जाए!
  • नौकरियों के ठेकाकरण को समाप्त किया जाए!
  • सभी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक और भ्रष्टाचार के राज को समाप्त किया जाए!
  • फार्म का दाम मुफ्त किया जाए, एडमिट कार्ड को रेलवे पास घोषित किया जाए!
  • भर्ती प्रक्रिया को 6 माह में पूर्ण किया जाए!
  • सम्मानजनक रोजगार के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया जाए!
  • न्यूनतम वेतन 18000रू. प्रतिमाह के आधार पर बेरोजगारी भत्ता सुनिश्चित किया जाए!
  • आरक्षण को अप्रभावी बनाना बंद किया जाए!
  • सामाजिक तौर पर वंचित तबकों के लिए प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण की गारंटी की जाए!  
  • कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर उत्पीड़न और छंटनी के लिए प्राइवेट सेक्टर की जवाबदेही तय की जाए!
  • कार्य स्थलों में लैंगिक भेदभाव आधारित नियमों को समाप्त किया जाए!
  • सभी कार्यक्षेत्रों में लैंगिक न्याय उपलब्ध करवाने के लिए प्रभावी यौन हिंसा विरोधी सेल गठित किया जाए!
  • सभी छात्र-युवा ऋण को बिना शर्त माफ किया जाए!

देशभर के छात्र-युवा आंदोलन, यूनियनों व संगठनों ने मिलकर ’यंग इंडिया नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी’  का गठन किया है. 7 फरवरी को ’यंग इंडिया अधिकार मार्च’ लाल किला से संसद मार्ग तक को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा लगा दें.