विद्यालय रसोइया (मिड-डे मील कर्मी) आंदोलन के बढ़ते कदम

झारखंड में स्थापना सम्मेलन

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10 मार्च 2019 को ‘‘झारखंड राज्य विद्यालय रसोइया संघ’’ (संबद्ध ऐक्टू) का स्थापना सम्मेलन हजारीबाग में आयोजित किया गया. सम्मेलन की शुरूआत शहीद वेदी पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद का0 डीपी बक्शी, पुलवामा के शहीद जवानों एवं जनांदोलन के दौरान शहीद हुए तमाम शहीदों को 2 मिनट की मौन श्रद्धांजलि देकर की गई. सम्मेलन के संचालन के लिए पांच सदस्यीय अध्यक्षमंडल गठित किया गया जिसमें गीता मंडल, अनीता देवी, शेखर राय, देवकी देवी और मीनू देवी शामिल थे.

ऐक्टू के राज्य महासचिव शुभेंदु सेन ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि ‘मोदी की केंद्र सरकार और राज्य में रघुबर सरकार के राज में मजदूरों-किसानों पर हमले बढ़े हैं. श्रम कानूनों में संशोधन कर उन्हें पूंजीपतियों के हक में बदला जा रहा है’. सम्मेलन की मुख्य वक्ता एवं पर्यवेक्षक आल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन (संबद्ध ऐक्टू) की राष्ट्रीय नेता एवं बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे ने अपने संबोधन में कहा कि ‘केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारें पूरी तरह महिला विरोधी हैं. रसोइयों को मात्र 1500 रुपये का मासिक मानदेय देकर उनसे दिन भर का काम लिया जाता है. महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं के फंड में लगातार कटौतियां की जा रही हैं, इसलिए कामकाजी वर्करों समेत तमाम महिलाओं को इन मजदूर-किसान विरोधी सरकारों को उखाड़ फेंकने का संघर्ष तेज करना होगा’.

सम्मेलन ने 21 सदस्यों की राज्य कमेटी का चुनाव किया जिसमें गीता मंडल को राज्य अध्यक्ष एवं अनिता देवी को राज्य सचिव चुना गया. सम्मेलन में देवघर, दुमका, धनबाद, डालटनगंज, चतरा और हजारीबाग से रसोइया शामिल थीं. राज्य सम्मेलन में झारखंड के कम से कम 10 जिलों में पांच हजार सदस्य बनाने और लोकसभा चुनाव के बाद जिला सम्मेलन कर उन सभी जिलों में जिला कमेटियां गठित करने का प्रस्ताव  पारित किया गया.

सम्मेलन को झारखंड राज्य विद्यालय रसोइया संघ की नेता गीता मंडल के साथ ही रसोइया प्रतिनिधियों शेखर राय, सुधीर यादव, नितिन सिन्हा, शिव कुमार सिंह, रोहित मेहता, शफदर इमाम, चंद्रेश्वर प्रसाद, अनिता देवी और महादेव रजवार, अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पूरण महतो,, भाकपा-माले के हजारीबाग जिला सचिव पच्चू राणा ने भी संबोधित किया.                    

पूर्वी चंपारण, बिहार का दूसरा जिला सम्मेलन

बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) पूर्वी चंपारण का दूसरा जिला सम्मेलन 3 मार्च को संपन्न हुआ. सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए संघ की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे ने चालीस दिन चली हड़ताल में पूर्वी चंपारण के रसोइयों की भूमिका के लिए बधाई दी और हड़ताल से उत्पन्न माहौल को सांगठनिक विस्तार में खींच लाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने हिस्से का आज तक एक पैसा भी नहीं बढ़ाया अतः उसे आगामी चुनाव में हराने के लिए रसोइयों को आगे आना होगा. मुख्य वक्ता भाकपा-माले केंद्रीय कमेटी सदस्य वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि पूर्वी चंपारण में रसोइया एक राजनीतिक ताकत के रूप में खड़ी हो रही हैं. इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है. रसोइयों को समाज में चल रहे अन्य तबकों के आंदोलन के साथ भी जुड़ना चाहिए. उद्घाटन सत्र को अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के जिला सचिव, निर्माण मजदूर यूनियन के राजेश कुशवाहा ने भी संबोधित किया.

कामकाज की रिपोर्ट विदाई कमेटी के सचिव दिनेश प्रसाद कुशवाहा ने रखी. संचालन कुमांती देवी व फरीदा खातून ने किया. 43 सदस्यीय कमेटी समेत मुख्य संरक्षक भूपेंद्र लाल, अध्यक्ष कुमांती देवी, उपाध्यक्ष विष्णुदेव यादव, सचिव दिनश प्रसाद कुशवाहा, सह सचिव शांति देवी, कोषाध्यक्ष छविलाल महतो चुने गए.

सम्मेलन ने चुनाव में रसोइया विरोधी ताकतों को हराने के लिए सक्रिय प्रचार-प्रसार करने, 5000 सदस्य भर्ती करने, सभी प्रखंडों में ढांचा बनाने, समस्याओं पर आंदोलन तेज करने, रसोइयों के बीच शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए शिविर आयोजित करने जैसे राजनीतिक-सांगठनिक प्रस्ताव पारित किए.                                 

गया, बिहार में स्थापना सम्मेलन

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गया में बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ की गया शाखा का स्थापना सम्मेलन सम्पन्न हुआ. सम्मेलन का उद्घाटन ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्यामलाल प्रसाद ने किया और मुख्य अतिथि के बतौर ऐपवा और रसोइया संघ की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे मौजूद रहीं. इनके अलावा भाकपा-माले जिला सचिव निरंजन कुमार, कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष जियालाल प्रसाद, अर्जुन सिंह, आइसा नेता हर्षवर्धन आदि ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा समय में मोदी सरकार पुलवामा के शहीदों की लाश पर राजनीति करने, देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने और युद्धोन्माद भड़काने में मशगूल है. हमें उनकी इस विभाजनकारी, अंधराष्ट्रवादी राजनीति का कारगर मुकाबला करने के लिए साहस के साथ आगे आना होगा.

अंत में संघ की 15-सदस्यीय जिला कमिटी का चुनाव किया गया. विभा भारती को अध्यक्ष, रीता वर्णवाल को सचिव तथा रामचंद्र प्रसाद को कोषाध्यक्ष चुना गया. सम्मेलन की पर्यवेक्षक पूनम देवी थीं.

उ.प्र. में मिड-डे-मील कर्मियों का जोरदार प्रदर्शन

सीतापुर में 1 मार्च को अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन के नेतृत्व में करीब आठ सौ से ज्यादा रसोइयों ने आंख अस्पताल कार्यालय से लालबाग चौराहे तक मार्च किया और विकास भवन के सामने धरना-प्रदर्शन किया. सभा से पहले सभी रसोइयों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुलवामा के शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी और कहा अब और पुलवामा नहीं. सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि ‘आज देश बहुत ही खतरनाक मोड़ पर खड़ा है. जनता के बुनियादी सवालों को दरकिनार कर झूठे वादों व जुमलों से देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है’. ऐपवा नेता मीना ने कहा कि ‘भाजपा की सरकार में कठुआ से उन्नाव तक, बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका संरक्षण गृह कांड से लेकर उत्तर प्रदेश के देवरिया तक बच्चियों के साथ जघन्य अपराध हुए. शर्म की बात है कि भाजपा बलात्कारियों को बचाने के लिए सड़कों पर उतर आई है’. रसोइया संगठन की जिला अध्यक्ष एवं ऐपवा नेता सरोजनी ने कहा कि ‘मोदी-योगी सरकार का महिला सशक्तीकरण का दावा झूठा है, सरकार 33 रुपये में आज भी बेगार करा रही है, जबकि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम ऐक्ट कहता है कि किसी भी तरह का कोई सरकारी काम करने वाले को न्यूनतम मानदेय 256 रूपये प्रति दिन से कम नहीं देना चाहिए, सरकार इस कानून का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में 6000 रु., केरल में 7000 रु. और पुडुचेरी में 9000 रुपये मासिक मानदेय रसोइयों को दिया जाता है, तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं, जबकि एमडीएम योजना केन्द्र की विश्व बैंक पोषित योजना है’. जिलाधिकारी को सम्बोधित रसोइयों से संबंधित नौ-सूत्री मांगपत्र नगर मजिस्ट्रेट को दिया गया.

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बटाला, पंजाब में मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन की रैली

6 अप्रैल को मिड-डे मील व सफाई वर्कर्स यूनियन ने फैजपुरा रोड, बटाला स्थित अपने कार्यालय से रैली निकाली जिसका नेतृत्व ऐक्टू के पंजाब उपाध्यक्ष गुरमीत सिंह बख्तपुरा और माझा जोन के मनजीत राज ने किया. मिड-डे मील कर्मियों ने हर माह वेतन मिलने की गारंटी करने और न्यूनतम 18,000रू. मजदूरी की मांगें उठाईं. उन्होंने गुरदासपुर लोकसभा सीट से भाकपा-माले के उम्मीदवार अश्विनी कुमार हैप्पी को अपना समर्थन देते हुए वोट देने की अपील की.