रेल के निगमीकरण के खिलाफ रायबरेली में धरना

रायबरेली (उ.प्र.) स्थित माडर्न रेल कोच कारखाना, लालगंज सहित सभी उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण, रेल, बीएसएनएल, एनटीपीसी सहित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों एवं विभागों का निजीकरण करने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ रायबरेली जिला संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति के बैनर तले जिले की ट्रेड यूनियनों ने 31 अगस्त 2019 को विकास भवन के सामने धरना-प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर निजीकरण/निगमीकरण के फैसले को वापस लेने की मांग की. 

संघर्ष समिति संयोजक एवं ऐक्टू के मजदूर नेता विजय विद्रोही ने कहा ‘‘मजबूत नेता व मजबूत सरकार का ढोल पीटने वाली मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को डुबो दिया है. कारखाने बन्द हो रहे हैं. लोग बेरोजगार हो रहे हैं. रुपया गिर रहा है, विकास दर गिर कर 5 प्रतिशत पर पहुंच गई है, और सरकार कह रही है कि सब ठीक है. मोदी के नाम पर जो रिजर्व बैक के कोष से पैसा लिया गया है उसे भी कॉरपोरेट को सौंपने का काम हो रहा है. सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के रेल, बैंक, बीमा, बीएसएनएल आदि को बेच कर पूरा देश बर्बाद करने की कोशिश हो रही है. यह सरकार कम्पनी राज ला रही है जिसे हम होने नहीं देंगे’’. 

सभा को संयुक्त संघर्ष समिति के चेयरमैन नैब सिंह, इंटक के सचिव डीएस मिश्रा, एचएमएस के अरविन्द राठौर, खेत मजदूर सभा के महारथी चैहान, एनटीपीसी के इन्द्रसेन सिंह, आइसा के अहमद सिद्दीकी, इंकलाबी नौजवान सभा के उदय भान चैधरी व टीपू सुल्तान, रेल कोच के ़ऋतुराज मिश्र, अटेवा के अंजनी मौर्य, आदि ने सम्बोधित किया.