कामरेड सुखदेव प्रसाद को लाल सलाम!

का. सुखदेव प्रसाद भाकपा-माले के शुरूआती दौर के नेताओं में से एक थे. उनका 9 जनवरी 2020 को निधन हो गया. वे अभी भाकपा-माले झारखंड राज्य कमेटी के सदस्य थे और ऐक्टू के राष्ट्रीय पार्षद थे. वे माले के केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के भी सदस्य रहे. उनका 2013 में कैंसर का ऑपरेशन हुआ था. करीब माह भर पहले उन्हें कमर और पैर में दर्द की शिकायत शुरू हुई. अंततः 9 जनवरी को दोपहर 1.50 बजे रिम्स में ही उनका 73... वर्ष की आयु में निधन हो गया. 

का. सुखदेव (असल नाम-रथीनंद्र नाथ चक्रवर्ती) 1970 के दशक में आसानसोल स्थित जेके नगर एलयूमिनियम फैक्टरी में सुपरवाइजर थे. वे मुर्शिदाबाद, प. बंगाल से थे. वे 1970-71 के उथलपुथल के दौर में भाकपा-माले में शामिल हो गए थे और उन्होंने रानीगंज-आसानसोल इकाके में मजदूरों और युवाओं के बीच संगठन निर्माण का काम शुरू किया. का. सुखदेव ने बिहार में दलित भूमिहीन किसानों के बीच लम्बे समय तक काम किया और बाद में पटना नगर कमेटी के 10 साल सचिव रहे. रेलवे में संगठन निर्माण में भी उनकी बड़ी भूमिका थी. उन्होंने ईसी रेलवे के धनबाद और दानापुर डिवीजनों में रेलवे कर्मियों को संगठित करने में लंबे समय तक काम किया. वे साउथ ईस्टर्न रेलवे ठेका श्रमिक यूनियन और साउथ ईस्टर्न रेलवे मजदूर यूनियन के मुख्य संरक्षक थे. अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद, वे ऐक्टू से संबद्ध हुए आईआरईएफ नामक रेलवे फेडरेशन के इलाहाबाद में हुए राष्ट्रीय सम्मेलन मे शामिल हुए. वे अभी माले के केन्द्रीय हिन्दी मुखपत्र ‘समकालीन लोकयुद्ध’ के झारखंड ब्यूरो प्रमुख भी थे, और साथ ही ‘श्रमिक सॉलिडैरिटी’ में अपनी रिपोर्टों के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान करते थे. 

एक आदर्श कम्युनिस्ट के रूप में उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. ऐक्टू का. सुखदेव प्रसाद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है..