का. गणेश शंकर विद्यार्थी 

बिहार के चर्चित वामपंथी नेता गणेश शंकर विद्यार्थी का विगत 12 जनवरी 2021 को पटना के एक निजी नर्सिंग होम में निधन हो गया.  

उनका निधन कोरोना के चलते हुआ. वे 96 वर्ष के थे. उनकी अंत्येष्टि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पटना के बांस घाट पर की गई. 

गणेश शंकर विद्यार्थी छात्र आंदोलन, स्वाधीनता आंदोलन और फिर किसान आंदोलन के रास्ते कम्युनिस्ट आंदोलन में शामिल हुए. अपने आठ दशकों के लंबे सावर्जनिक जीवन की शुरूआत गणेश शंकर विद्यार्थी ने एआईएसएफ के साथ की थी. कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता उन्होंने 1942 में ग्रहण कर ली थी. इमरजेंसी के बाद 1977 के चुनाव में वे पहली बार विधायक बने और दो बार विधायक रहे. बाद में वे विधान परिषद के भी सदस्य बने. 1980 से 2005 तक वे सीपीआई (एम) के बिहार राज्य सचिव रहने के साथ-साथ सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था केंद्रीय कमेटी के भी लगभग 30 सालों तक सदस्य रहे. उनके निधन से बिहार में वामपंथी आंदोलन को अपूरणीय क्षति हुई है. 

का. गणेश शंकर विद्यार्थी को लाल सलाम!