“Our Unity And Struggle Gives us the Dignity as Workers!” - An Interview with Scheme Workers
“Our Unity And Struggle Gives us the Dignity as Workers!”
“Our Unity And Struggle Gives us the Dignity as Workers!”
AICCTU Affiliated Unions Played a Pivotal Role in Several States
Almost one crore scheme workers all over the country shoulder the burden of implementing several important public schemes of the central government on health and education. They include ASHA workers (working under National Rural Health Mission program), Anganvadi workers (working under ICDS program) and MDM workers (working under Mid Day Meal scheme for school children). Almost 95% of the scheme workers in the country are women. These scheme workers are the backbone in ensuring basic health and nutrition to vast majority of the country’s population.
16 अगस्त 2019 से झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ (संबद्ध सीटू) ने झाारखंड विधान सभा के समक्ष धरना आंदोलन शुरू किया था. विगत वर्ष राज्य सरकार के साथ हुए समझौते को लागू करने तथा मानदेय में वृद्धि करने की मांग पर ये आन्दोलन शुरू हुआ था. भाजपाई रघुवर सरकार ने उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक नोटिस तो नहीं ही लिया, बल्कि 24 सितंबर को आयोजित उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर दूसरी बार बर्बर लाठीचार्ज किया गया. 11 सितंबर 2019 को रांची में प्रधानमंत्री द्वारा नये विधान सभा परिसर उद्घाटन के कार्यक्रम के दौरान भी उनपर लाठीचार्ज हुआ था और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर देश भर में ऐक्टू और भाकपा-माले ने रैलियों, जुलूस और सभाओं के रूप में विविध आयोजन किए और मजदूर-विरोधी, जन-विरोधी व राष्ट्र-विरोधी फासीवादी संघ-भाजपा निजाम को शिकस्त देने का संकल्प लिया. पिछले अंक में समय की कमी के चलते हम इनकी रिपोर्ट नहीं दे सके. इस अंक में प्रस्तुत है मई दिवस कार्यक्रमों की सक्षिप्त में रिपोर्ट.
मोदी सरकार के 2018-19 के बजट में ट्रेड यूनियनों द्वारा पेश की गई 12-सूत्री मांगों में से किसी को भी नहीं माना गया है. अतः बिहार की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ऐक्टू, एटक एआईयूटीयूसी, सीटू, इंटक, टीयूसीसी, यूटीयूसी, एएमयू आदि ने आम बजट को मजदूर व गरीब विरोधी एवं कॉरपोरेटों के हितों वाला बताते हुए दिन 1 फरवरी को शाम को पटना जंकशन के निकट स्थित बुद्ध स्मृति पार्क से जुलूस निकाला जो डाकबंगला चैक तक गया, जहां मोदी और वित्तमंत्री जेटली का पुतला फूंका गया.
सितारगंज (उत्तराखंड) की ऐक्टू इकाई का प्रथम सम्मेलन 21जनवरी 2018 को सफलतापूर्वक अम्बेडकर प्रतिष्ठान में सम्पन्न हुआ.
बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में ठेके पर नियोजित एएनएम-आर (नर्स) द्वारा जुझारूपन के साथ 2 नवंबर से 22 दिसंबर ‘17 तक चलाये गयी ऐतिहासिक अनिश्चितकालीन हड़ताल का नेतृत्व करने के क्रम में बिहार के कर्मचारी-ठेका मानदेय कर्मचारी आंदोलन के चर्चित नेता व ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव रामबली प्रसाद को उच्चस्तरीय सरकारी साजिश के तहत 18 दिसम्बर को गिरफ्तार करके एक नया फर्जी केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया था.
विभिन्न सरकारी योजनाओं में कार्यरत स्कीम कर्मचारियों ने 17 जनवरी 2018 को सफल देशव्यापी हड़ताल संगठित की. विभिन्न योजनाओं में कार्यरत लगभग 20 लाख कर्मचारियों ने देशभर में सड़कों पर उतर कर रैलियों, प्रदर्शनों और धरनों से इस हड़ताल को सफल बनाया और पूरे देश में जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारियों के मार्फत वित्त मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा. एक प्रेस बयान जारी कर इसी दिन केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने सफल हड़ताल के लिये स्कीम कर्मियों को बधाई दी.
जेल भरो अभियान की कुछ झलकियां