संकल्प/आह्वान

मोदी के भारत में मार्क्स की 200वीं जन्मवार्षिकी: मार्क्स के विचार प्रतिरोध के हथियार हैं

हम मार्क्स के जन्म की द्विशतवार्षिकी मना रहे हैं. एक ऐसे समय, जब संघ ब्रिगेड ने लोकतंत्र पर जहरीला हमला कर दिया है और वह समूचे देश और समाज पर संघ की विचारधारा को जबरदस्ती थोप देने की कोशिश कर रहा है, तब मार्क्स की 200वीं जन्मवार्षिकी हमें मार्क्स के क्रांतिकारी विचारों को व्यापक रूप से प्रसारित करने और उन पर चर्चा करने तथा लोकतंत्र, आजादी और बराबरी के लिये एक सशक्त संग्राम छेड़ देने का हमें बहुत बड़ा मौका दे रही है.

जन प्रतिरोध को बुलन्द करें, फासीवादी ताकतों को परास्त करें ! सामाजिक-आर्थिक बदलाव, बराबरी और सम्मान के संघर्षों को आगे बढ़ाएं ! भगत सिंह और उनके साथियों की विरासत को बुलन्द करें ! भाकपा (माले) के 10वें पार्टी महाधिवेशन को सफल बनायें !

जन प्रतिरोध को बुलन्द करें, पफासीवादी ताकतों को परास्त करें ! सामाजिक-आर्थिक बदलाव, बराबरी और सम्मान के संघर्षों को आगे बढ़ाएं ! भगत सिंह और उनके साथियों की विरासत को बुलन्द करें ! भाकपा (माले) के 10वें पार्टी महाधिवेशन को सफल बनायें !