Un Organised Sector

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तमिलनाडु में ऐक्टू नेताओं का अनिश्चितकालीन अनशन

14 मई 2008 को ‘औद्योगिक रोजगार स्थायी आदेश अधिनियम’ में संशोधन कर इसे तमिलनाडु विधान सभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था. ‘सुमंगली योजना’, जहां प्रशिक्षुओं द्वारा ही 100 प्रतिशत उत्पादन किया जाता है, के खिलाफ उठी आवाजों के जवाब में सरकार ने यह कदम उठाया था. इस अधिनियम की धारा 10 ‘ए’ में प्रशिक्षु, बदली, अस्थायी और आकस्मिक मजदूरों के नियोजन और पुनर्नियोजन के प्रावधान हैं; जबकि धारा 10 ‘बी’ में किसी प्रतिष्ठान में स्थायी व अ-स्थायी श्रमिकों के प्रतिशत-निर्धारण की बात निहित है. बहरहाल, इस पर राष्ट्रपति की सहमति काफी देर से मिली - तर्क यह था कि इस संशोधन से निवेश पर बुरा असर पड़ेगा.

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज मेस वर्कर्स यूनियन ने मनाई 50वीं सालगिरह

14 अगस्त को पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज मेस वर्कर्स यूनियन ने यूनियन की 50वीं सालगिरह मनाई. यह यूनियन वर्ष 2010 में ऐक्टू के साथ संबद्ध हुई थी. इसमें यूनियन द्वारा आज तक किए गए कार्यों पर चर्चा की गई. और साथ ही यूनियन कि उपलब्धियों का जिक्र हुआ, और साथ ही कमियों पर मंथन किया गया. यूनियन के प्रधान सतीश कुमार ने यूनियन द्वारा किए गए बड़े संघर्षों, जिनमें वर्करों को करोड़ों रुपयों का रुका ईपीएफ मिलने की जीत शामिल है, का जिक्र किया.

बेरोजगारी और मजबूरी में पलायन के खिलाफ गढ़वा में मार्च

झारखंड राज्य में रोजगार के अभाव में पलायन के कारण आंध्र प्रदेश के पत्थर क्रैशर प्लांट में रेजो और बाना गांव के नौजवान मजदूर मुनिप पासवान व कंचन पासवान के मारे जाने के खिलाफ ऐक्टू से संबद्ध झारखंड जनरल मजदूर यूनियन व भाकपा-माले के बैनर तले गत 7 अगस्त 2018 को गढ़वा जिला के मेराल हाई स्कूल के मैदान से मुख्य सड़क होते हुए प्रखंड कार्यालय तक प्रतिवाद मार्च निकाला गया. बाद में प्रदर्शनकारियों की ओर से झारखंड के राज्यपाल के नाम 7 सूत्री मांगपत्र प्रखंड विकास पदाधिकारी, मेराल को सौंपा गया. तत्पश्चात प्रखंड कार्यालय और मेराल डंडई चैक पर प्रतिवाद सभा की गई.

मजदूर-विरोधी, जन-विरोधी फासीवादी मोदी सरकार को हटाने के संकल्प के साथ मई दिवस के अवसर पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित किये गये

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर देश भर में ऐक्टू और भाकपा-माले ने रैलियों, जुलूस और सभाओं के रूप में विविध आयोजन किए और मजदूर-विरोधी, जन-विरोधी व राष्ट्र-विरोधी फासीवादी संघ-भाजपा निजाम को शिकस्त देने का संकल्प लिया. पिछले अंक में समय की कमी के चलते हम इनकी रिपोर्ट नहीं दे सके. इस अंक में प्रस्तुत है मई दिवस कार्यक्रमों की सक्षिप्त में रिपोर्ट.

हरियाणा में ईंट भट्ठा मजदूरों के बीच ऐक्टू की पहल

हरियाणा के यमुना नगर जिले में करीब 100 ईंट भट्ठे हैं जिनमें कार्यरत हजारों मजदूरों का भारी शोषण हो रहा है. भट्ठा मालिक मजदूरी की रेट में मनमाने ढंग से भारी कटौती कर रहे हैं. यहां तक कि ये मालिक अपनी मनमर्जी की यूनियन मजदूरों पर थोप रहे हैं और उसको बीच मे लाकर कानूनी रूप से मजदूरी कटौती को जायज ठहरा रहे हैं. ऐसे में यहां के कुछ मजदूर नेताओं ने ऐक्टू से संपर्क किया और 17 अप्रैल को यमुना नगर के इलाके परवालो में मजदूरों ने सभा कर अपने को ऐक्टू से संबद्ध यूनियन ‘‘हरियाणा प्रदेश लाल झंडा भट्ठा मजदूर यूनियन’’ के साथ जोड़ा.

ओडिशा में अस्थायी मजदूरों के अधिकारों के लिए प्रतिवाद

ऐक्टू और ओडिशा ग्राम्य बैंक अस्थायी मजदूर संघ ने 16 फरवरी को ओडिशा ग्रामीण बैंक मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया और मांग की कि छंटनी किए गए मजदूरों को काम पर वापस लिया जाए और गैर-कानूनी ढंग से छंटनी करने पर रोक लगाई जाए. इन प्रतिवादकारियों ने तमाम अस्थायी मजदूरों के लिए ईपीएफ, ईएसआइ और बोनस की गरांटी करने की भी मांग उठाई. इस प्रतिवाद रैली में 100 से ज्यादा अस्थायी मजदूरों ने हिस्सा लिया. रैली को ऐक्टू के ओडिशा राज्य महासचिव राधाकांत सेठी और ऐक्टू नेता बंशीधर परिदा ने संबोधित किया.

झारखंड राज्य सेवाकर्मी संयुक्त संघर्ष के बैनर तले विशाल प्रदर्शन

16 जनवरी 2018 को झारखंड राज्य सेवा कर्मी संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा 6 सूत्री मांगों की पूर्ति हेतु विशाल प्रदर्शन के माध्यम से प्रोजेक्ट भवन (रांची) का घेराव किया गया, जिसका नेतृत्व सुशीला तिग्गा, गोपाल शरण सिंह, राजनाथ सिंह, पिकेश कुमार सिंह, नवीन चैधुरी, आतिश झा, शैलेन्द्र आदि नेताओं द्वारा किया गया. प्रदर्शन में सैकड़ो कर्मचारी शामिल थे.

छत्तीसगढ़ हमाल मजदूर संघ का प्रदर्शन

18 जनवरी को छत्तीसगढ़ हमाल मजदूर संघ (ऐक्टू) जिला कबीरधाम के कवर्धा में रैली निकाली गई और सभा कर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया.

खोखा-पटरी के दुकानदारों को उजाड़ना बंद करो दिल्ली के सभी स्ट्रीट वेण्डरों को लाइसेंस दो

दिल्ली में आज-कल खोखा-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को उजाड़ने का काम तेजी से चल रहा है. रोजगार कर अपनी आजीविका चलाना हमारा संवैधानिक अधिकार है. हम अपने अधिकारों और रोजी-रोटी पर हमला नहीं सहेंगे. हमारी मांग है कि सरकार खोखा-रेहड़ी-पटरी के छोटे कारोबारियों और छोटे दुकानदारों को उजाड़ना तत्काल बंद करे.

ऐक्टू के बैनर तले कोलकाता में श्रमिक अधिकार रैली

ऐक्टू के बैनर तले 9 जनवरी 2018 को प. बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित ‘श्रमिक अधिकार रैली’ में हजारों की संख्या में मजदूरों ने भागीदारी की. वे बंद पड़ी जूट मिल और कपड़ा मिल के मजदूर थे. वे खाली बर्तन लिए अपने-अपने परिवार के सदस्यों के साथ रैली में शामिल हुए ताकि वे अपनी गरीबी और भूख को दिखा सकें. शीतलहर को धता बताते हुए दार्जीलिंग के चाय मजदूर भी आए थे और वे न्यूनतम मजदूरी की अपनी मांग बुलंद कर रहे थे जिसे देने की घोषणा करके भी ममता सरकार आनाकानी कर रही है. नोटबंदी के बाद सबसे प्रभावित होने वाले निर्माण मजदूर और जूट श्रमिक न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर बड़ी तादाद में रैली में शामिल थे.