तमिलनाडु में ऐक्टू नेताओं का अनिश्चितकालीन अनशन
14 मई 2008 को ‘औद्योगिक रोजगार स्थायी आदेश अधिनियम’ में संशोधन कर इसे तमिलनाडु विधान सभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था. ‘सुमंगली योजना’, जहां प्रशिक्षुओं द्वारा ही 100 प्रतिशत उत्पादन किया जाता है, के खिलाफ उठी आवाजों के जवाब में सरकार ने यह कदम उठाया था. इस अधिनियम की धारा 10 ‘ए’ में प्रशिक्षु, बदली, अस्थायी और आकस्मिक मजदूरों के नियोजन और पुनर्नियोजन के प्रावधान हैं; जबकि धारा 10 ‘बी’ में किसी प्रतिष्ठान में स्थायी व अ-स्थायी श्रमिकों के प्रतिशत-निर्धारण की बात निहित है. बहरहाल, इस पर राष्ट्रपति की सहमति काफी देर से मिली - तर्क यह था कि इस संशोधन से निवेश पर बुरा असर पड़ेगा.