Scheme Workers

उत्तराखंड में आशा कर्मियों का विभिन्न ब्लाॅकों में प्रदर्शन

उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स  यूनियन (संबद्ध-ऐक्टू) द्वारा अपनी मांगों के लिये अगस्त माह में राज्य के विभिन्न ब्लॉकों में प्रदर्शन किया गया और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया. यूनियन नेताओं ने कहा कि, आशाओं को मातृ, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए भर्ती किया गया था. सरकारी आंकड़े गवाह हैं कि आशाओं के आने के बाद सभी क्षेत्रों में मातृ शिशु मृत्यु दर में भारी कमी आयी है और जच्चा बच्चा स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ है परंतु आशाएं अब भी न्यूनतम मासिक वेतन से वंचित हैं.

बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ ने 16 अगस्त को दर्जनों प्राइमरी हेल्थ केंद्रों पर पुतला दहन किया

बिहार में आशाओं के सम्मान और पहचान को लेकर बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (संबद्ध ऐक्टू) के तहत कई लड़ाइयां लड़ी गयी हैं. आशा विश्राम गृह के मामले में जीत भी मिली है. डॉक्टरों के जरिये नौकर जैसा व्यवहार होता था उसपर रोक लगी है. अभी हाल ही में रोहतास ज़िला के तिलौथू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने 10 अगस्त की रात्रि ड्यूटी पर आई आशा के साथ शराब पी कर दुर्व्यवहार किया था. शिकायत करने पर वह फिर आशाओं के साथ बदतमीजी करने लगा. इसके खिलाफ आशाओं ने कार्य के बहिष्कार के साथ काम ठप कर दिया और धरने पर बैठ गईं.

पंजाब में नरेगा मजदूरों ने बीडीपीओ कार्यालयों का घेराव किया

ऐक्टू से संबद्ध मजदूर मुक्ति मोर्चा और भाकपा-माले के झंडे तले मनरेगा मजदूरों ने पंजाब के धारीवाल, बटाला और गुरदासपुर में बीडीपीओ कार्यालयों का घेराव किया और धरने संगठित किये. साथ की बीडीपीओ के माध्यम से राज्य सरकार को मांगपत्र भी भेजा गया. भाकपा-माले के राज्य सचिव गुरमीत सिंह बख्तपुरा, ऐक्टू राज्य सचिव

दिल्ली आशा कामगार यूनियन का प्रदर्शन

‘मानदेय में दम नहीं, न्यूनतम वेतन से कम नहीं’; ‘पक्की नौकरी, पूरा वेतन, हक और सम्मान’; सभी आशा कर्मियों को न्यूनतम वेतन के अनुरूप वेतन दिया जाए; आशा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए; दिल्ली की सभी बसों में आशाओं के लिए फ्री बस पास की सुविधा हो - इन नारों और मांगो के साथ दिल्ली आशा कामगार यूनियन (संबद्ध ऐक्टू) द्वारा 5 जून 2018 को मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन किया गया. इसमें विभिन्न इलाकों से आशा वर्कर्स ने हिस्सा लिया और अपनी मांगे बुलंद की.

मजदूर-विरोधी, जन-विरोधी फासीवादी मोदी सरकार को हटाने के संकल्प के साथ मई दिवस के अवसर पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित किये गये

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर देश भर में ऐक्टू और भाकपा-माले ने रैलियों, जुलूस और सभाओं के रूप में विविध आयोजन किए और मजदूर-विरोधी, जन-विरोधी व राष्ट्र-विरोधी फासीवादी संघ-भाजपा निजाम को शिकस्त देने का संकल्प लिया. पिछले अंक में समय की कमी के चलते हम इनकी रिपोर्ट नहीं दे सके. इस अंक में प्रस्तुत है मई दिवस कार्यक्रमों की सक्षिप्त में रिपोर्ट.

बिहार में स्कीम कर्मियों का ऐक्टू के नेतृत्व में निरंतर संघर्ष

विद्यालय रसोईया

10 अप्रैल को चम्पारन सत्याग्रह शताब्दी समापन समारोह में शामिल होने आ रहे प्रधानमंत्री को अपनी मांगों से सम्बंधित ज्ञापन सौंपने के लिए ऐक्टू से संबद्ध ‘‘बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ’’ के आहृान पर हजारों की तादाद में, पुलिस प्रशासनिक आतंक को धता बताते हुए, विद्यालय रसोईया (मिड-डे मील योजना के तहत नियोजित कर्मी) मोतीहारी की सड़कों पर उतर आये. विदित हो कि रसोईया संघ ने अपने आंदोलनों के माध्यम से चम्पारन सत्याग्रह शताब्दी वर्ष का समापन किया.

बजट के खिलाफ पूरे बिहार में त्रिदिवसीय विरोध दिवस जगह-जगह मोदी व जेटली के पुतले फूंके गये

मोदी सरकार के 2018-19 के बजट में ट्रेड यूनियनों द्वारा पेश की गई 12-सूत्री मांगों में से किसी को भी नहीं माना गया है. अतः बिहार की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ऐक्टू, एटक एआईयूटीयूसी, सीटू, इंटक, टीयूसीसी, यूटीयूसी, एएमयू आदि ने आम बजट को मजदूर व गरीब विरोधी एवं कॉरपोरेटों के हितों वाला बताते हुए दिन 1 फरवरी को शाम को पटना जंकशन के निकट स्थित बुद्ध स्मृति पार्क से जुलूस निकाला जो डाकबंगला चैक तक गया, जहां मोदी और वित्तमंत्री जेटली का पुतला फूंका गया.

सितारगंज, उत्तराखंड की ऐक्टू इकाई का प्रथम सम्मेलन संपन्न

सितारगंज (उत्तराखंड) की ऐक्टू इकाई का प्रथम सम्मेलन 21जनवरी 2018 को सफलतापूर्वक अम्बेडकर प्रतिष्ठान में सम्पन्न  हुआ.

सरकारी साजिश बेनकाब - का. रामबली प्रसाद रिहा

बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में ठेके पर नियोजित एएनएम-आर (नर्स) द्वारा जुझारूपन के साथ 2 नवंबर से 22 दिसंबर ‘17 तक चलाये गयी ऐतिहासिक अनिश्चितकालीन हड़ताल का नेतृत्व करने के क्रम में बिहार के कर्मचारी-ठेका मानदेय कर्मचारी आंदोलन के चर्चित नेता व ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव रामबली प्रसाद को उच्चस्तरीय सरकारी साजिश के तहत 18 दिसम्बर को गिरफ्तार करके एक नया फर्जी केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया था.

स्कीम कर्मियों ने आयोजित की सफल देशव्यापी हड़ताल

विभिन्न सरकारी योजनाओं में कार्यरत स्कीम कर्मचारियों ने 17 जनवरी 2018 को सफल देशव्यापी हड़ताल संगठित की. विभिन्न योजनाओं में कार्यरत लगभग 20 लाख कर्मचारियों ने देशभर में सड़कों पर उतर कर रैलियों, प्रदर्शनों और धरनों से इस हड़ताल को सफल बनाया और पूरे देश में जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारियों के मार्फत वित्त मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा. एक प्रेस बयान जारी कर इसी दिन केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने सफल हड़ताल के लिये स्कीम कर्मियों को बधाई दी.