रिपोर्ट

बिहार में इनसेफलाइटिस महामारी -बिहार और केंद्र सरकारों के हाथ खून से रंगे हैं

बिहार में जापानी इनसेफलाइटिस की रोक-थाम और ईलाज में आपराधिक लापरवाही के लिए बिहार और केंद्र की सरकारें दोषी हैं. ‘एक्यूट इनसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस, जिसे बिहार में आम तौर पर ‘चमकी बुखार’ कहा जाता है) से बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में 125 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है.

भिलाई स्टील प्लांटः प्रबंधन व श्रम विभाग के संरक्षण में हो रहा ठेका श्रमिकों का घोर शोषण

भिलाई स्टील प्लांट सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि.) का सबसे बड़ा एकीकृत और मुनाफा देने वाला प्लांट रहा है. यहां की श्रम-उत्पादकता सभी इकाइयों से ज्यादा रही है.

आईटी सेक्टर में व्यापक छंटनी

दिसम्बर 2014 में, चेन्नई और भारत के अन्य हिस्सों में आईटी (सूचना एवं प्रौद्योगिकी) इंडस्ट्री के कर्मचारियों ने व्यापक छंटनी के फैसले को चुनौती दी थी. उन्होंने एक प्रदर्शन आयोजित किया और प्रबंधन एवं कर्मचारियों के बीच समझौते के लिए लेबर कमिश्नर को एक ज्ञापन सौंपा. इस प्रतिरोध से यह धारणा तो टूटी कि आईटी कर्मचारी जिन्हें अपेक्षाकृत ज्यादा वेतन मिलता है वे कभी यूनियन नहीं बना सकते, गोलबंद नहीं हो सकते. इनकी यह पहलकदमी जल्द ही पुणे, बंगलूरू, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद और भुवनेश्वर जैसे अन्य शहरों में भी फैल गई.

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ बजट-पूर्व बैठक - केंद्रीय बजट 2019.20 पर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रस्ताव

15 जून 2019 को बजट-पूर्व बैठक वित्त मंत्रालय और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों के बीच संपन्न हुई. इस बार - और पहली बार - ऐसा हुआ कि वित्त मंत्रालय ने कुछ चुनिंदा यूनियनों को बैठक में आमंत्रित किया. लेकिन फिर, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के इस अधिकार के उल्लंघन के खिलाफ, आमंत्रित न की गई केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा विरोध और सामूहिक विरोध के बाद, वित्त मंत्रालय ने सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों को आमंत्रित किया. ऐक्टू की ओर से महासचिव राजीव डिमरी ने बैठक में हिस्सा लिया. 

मोदी राज में चरम पर पहुंची असमानता

मोदी राज में नौ अमीरों ने देश की आबादी के पास मौजूद कुल संपत्ति के बराबर अपने खजाने भर लिये हैं. पिछले साल कॉरपोरेट घरानों की आमदनी में रोजाना 2200 करोड रूपये का इजाफा हुआ. देश के सबसे अमीर मुकेश अंबानी, अकेले ने ही तीन महीने में 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक का मुनाफा कमा लिया.

पुरानी पेंशन बचाओ दिवस

सिटिजंस ब्रदरहुड, इलाहाबाद द्वारा 20 दिसंबर 2018 को शिक्षा निदेशालय गेट के समीप ‘पुरानी पेंशन बचाओ दिवस’ सम्मेलन आयोजित किया गया. इसके मुख्य वक्ता संतोष कुमार रॉय, राष्ट्रीय सचिव ऐक्टू, अध्यक्ष डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर, दिल्ली थे.  सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने डी.एस. नाकडा बनाम भारत संघ में, 17 दिसम्बर 1982 के अपने ऐतिहासिक निर्णय में यह माना था कि पेंशन कोई खैरात नही है, बल्कि यह प्रत्येक कर्मचारी का वैधानिक अधिकार है.

बैंकिंग सेक्टर और मोदी सरकार

बैंकिंग सेक्टर में निजीकरण को बढ़ावा देने और कर्ज हड़पने वालों को उबारने के लिए ‘जन धन योजना’ का इस्तेमाल करने की कहानी सौरभ नरूका

भीड़-हिंसा के ‘गुजरात मॉडल’ का ताजातरीन निशाना हैं प्रवासी मजदूर

पिछले महीने के शुरू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हजारों प्रवासी मजदूरों को जहर भरे ढंग से ‘बाहरी लोग’ कहकर निशाना बनाया गया और उन पर बर्बरतापूर्ण हमले चलाये गये. 28 सितम्बर 2018 को गुजरात के सबरकांठा जिले में एक नाबालिग लड़की पर तथाकथित बलात्कार के आरोप में बिहार से आये एक प्रवासी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, उसके बाद से ही प्रवासी लोगों को निशाना बनाकर लाठियों और पत्थरों से पीटकर जख्मी किया गया और सोशल मीडिया में नफरत भरे संदेश प्रसारित किए गये.

भूखा भारत

11 अक्तूबर को जारी साल 2018 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 119 देशों में 103वें स्थान पर दिखता है और रिपोर्ट में भारत के भूख के स्तर को ”गंभीर” की श्रेणी में सूचित किया गया है.

पांच साल से कम उम्र का हर पांच में एक भारतीय बच्चा ”वेस्टिंग” से पीड़ित है, यानी भीषण कुपोषण के चलते उनके कद के अनुपात में उनका वजन बहुत ही कम होता है. इस मामले में भारत से अधिक दर सिर्फ दक्षिण सुडान में दिखती है.

भारत में तेल की कीमतें कैसे निर्धारित होती हैं और वे आसमान क्यों छू रही हैं ?

भारत में पेट्रोल की कीमत अपने पिछले ऊंचे रिकार्ड को भी पार कर गई और 19 सितंबर को मुंबई में वह 88.12 रुपये प्रति लीटर हो गई. उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 80.73 रुपये प्रति लीटर थी और डीजल 72.83 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था. मुंबई में डीजल की कीमत 77.32 रुपये प्रति लीटर थी.