Mid Day Meal Workers

विद्यालय रसोइया (मिड-डे मील कर्मी) आंदोलन के बढ़ते कदम

झारखंड में स्थापना सम्मेलन

jharkhand

10 मार्च 2019 को ‘‘झारखंड राज्य विद्यालय रसोइया संघ’’ (संबद्ध ऐक्टू) का स्थापना सम्मेलन हजारीबाग में आयोजित किया गया. सम्मेलन की शुरूआत शहीद वेदी पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद का0 डीपी बक्शी, पुलवामा के शहीद जवानों एवं जनांदोलन के दौरान शहीद हुए तमाम शहीदों को 2 मिनट की मौन श्रद्धांजलि देकर की गई.

250रू. प्रतिमाह वृद्धि की सरकारी घोषणा के बाद बिहार में मिड-डे मील कर्मियों ने अपनी हड़ताल स्थगित की

बिहार सरकार द्वारा मिड-डे मील कर्मियों का मानदेय 1250रू. से बढ़ाकर 1500रू. करने और तमाम दंडात्मक आदेश वापस लेने की घोषणा के बाद ऐक्टू से संबद्ध बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ और सीटू, एटक एवं आईयूटीयूसी से जुड़ी मिड-डे मील कर्मी यूनियनों के संयुक्त मोर्चे ने न्यूनतम मजदूरी, नियमितीकरण समेत 15 सूत्री मांगपत्र पर 7 जनवरी से जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल को 16 फरवरी को वापस ले लिया. बिहार में करीब ढाई लाख रसोईया कार्यरत हैं. संयुक्त मोर्चा ने साथ ही, 18000रू. न्यूनतम मजदूरी और अन्य सवालों पर आंदोलन जारी रखने की घोषणा की.

बिहार में विद्यालय रसोइयों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी

बिहार में आशाकर्मियों के आंदोलन के सफल समापन के तुरंत बाद सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना से जुड़ी रसोइयों की जोरदार अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो चुकी है. ऐक्टू से संबद्ध बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ के साथ ही एटक, सीटू और एआईयूटीयूसी से संबद्ध- इन चार संघों के संयुक्त मंच ‘बिहार राज्य मध्याह्न भोजन रसोइया संयुक्त संघर्ष समिति’ के बैनर तले बिहार के 2.48 लाख विद्यालय रसोइया विगत 7 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.

बिहार में विद्यालय रसोइयों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

बिहार में आशाकर्मियों के आंदोलन के सफल समापन के तुरंत बाद सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना से जुड़ी रसोइयों की जोरदार अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो चुकी है. ऐक्टू से संबद्ध बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ के साथ ही एटक, सीटू और एआईयूटीयूसी से संबद्ध- इन चार संघों के संयुक्त बैनर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरूआत हो चुकी है. 7 जनवरी से शुरू हुई इस हड़ताल में रसोईयों का पारिश्रमिक तुरंत बढ़ाने और उनका न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये करने की मुख्य मांग समेत कुल 14 मांगें शामिल हैं. इससे पूर्व बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ के नेतृत्व में पांच दिवसीय हड़ताल (5-9 अक्टूबर 2018) हुई थी.

झारखंड में मिड-डे-मील कर्मियों का जुझारू संघर्ष जारी है

झारखण्ड प्रदेश विद्यालय रसोइया/संयोजिका/अध्यक्ष संघ ने अपनी 15-सूत्री मांगों को हासिल करने के लिये भाजपा-नीत रघुवर सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है. उनकी मांगें हैं - बरखास्त किए गए सभी रसोइया और संयोजिकाओं को काम पर वापस लो, तमिलनाडु की तर्ज पर झारखण्ड में भी रसोइया-संयोजिका को चतुर्थ वर्गीय सरकारी कर्मचारी के रूप में बहाल करो, सभी रसोइया-संयोजिका को न्यूनतम वेतन 18,000रु.

सफल रही बिहार में रसोइयों की पांच दिवसीय हड़ताल

19 नवंबर को संसद के समक्ष संयुक्त प्रदर्शन को सफल करने का आहृान

‘बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ’ (संबद्ध ऐक्टू) के नेतृत्व में पांच दिवसीय हड़ताल (5-9 अक्टूबर 2018) को जबरदस्त सफलता मिली. स्वतःस्फूर्त रूप से रसोइयों ने इसमें भागीदारी की. हड़ताल की मुख्य मांगें थीं - रसोइयों को सरकारी कर्मचारी घोषित करो, जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं होती हैं मानदेय 18000 रुपये करो; रसोइयों को बिहार सरकार की चौधरी कमेटी की सिफारिशों का लाभ दो; ईपीएपफ-ईएसआई का लाभ दो; पूरे साल के मानदेय का भुगतान किया जाए, मानदेय का भुगतान नियमित किया जाए; उन्हें पार्ट-टाइम वर्कर न कहा जाए आदि.

ऐक्टू के बैनर तले कोलकाता में मिड-डे मील कर्मियों का विरोध प्रदर्शन

ऐक्टू से संबद्ध ‘ऑल बंगाल संग्रामी मिड-डे मील कर्मी यूनियन’ के आहृान पर 26 सितंबर 2018 को कोलकाता स्थित सियालदह स्टेशन पर सैकड़ों मिड-डे मील कर्मियों की रैली और विरोध प्रदर्शन का आयोजन हुआ. प्रदर्शन को ऐक्टू के राज्याध्यक्ष अतनु चक्रवर्ती, यूनियन की सचिव जयश्री दास, उपाध्यक्ष अर्चना घटक, ऐपवा की उपाध्यक्ष कल्यानी गोस्वामी और सचिव इंद्राणी दत्ता, आदि ने संबोधित किया. सभा की अध्यक्षता यूनियन की अध्यक्ष मीना पाल ने की. प्रदर्शन से यह फैसला लिया गया कि 1 अक्टूबर को शिक्षा मंत्री से मिलकर मांगों का ज्ञापन दिया जायेगा. मांगों में 18,000रू.

बिहार में विद्यालय रसोइया संघ ने 5-9 अक्टूबर 2018 तक राज्यव्यापी हड़ताल का आहृान किया

विद्यालय रसोइया अपने मानदेय को बढ़ाने के लिए, सरकारी कर्मचारी घोषित करने, जब तक सरकारी कर्मचारी नहीं हो जातीं, मानदेय 18,000 रुपये करने के सवाल पर लगातार आन्दोलन कर रहे हैं. 2015 में लम्बे आन्दोलन के बाद बिहार में अशोक चौधरी की अगवाई में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया जिसे तमाम संविदा कर्मियों व मानदेय कर्मियों की स्थिति पर रिपोर्ट सरकार को देनी थी.